लखनऊ। ईद-उल-अजहा यानी बकरीद के लिए प्रदेश की सभी मंडियों में खरीद फरोख्त जारी है। मंडियां गुलजार हो गई हैं और लोग अपनी हैसियत के मुताबिक कुर्बानी के लिए बकरे खरीद रहे हैं। दिलचस्प ये है कि बकरा मंडियों में बकरों के भी नाम भी अजीबोगरीब हैं।

किसी ने हिट फिल्म पर इनके नाम रखें तो कुछ ने फिल्म स्टार के नाम पर बकरों के नाम रखे हैं। कुर्बानी के बकरों में किसी का नाम बाहुबली तो किसी के पुकारने का नाम दबंग, सुल्तान,सल्लू, शाहरुख और चैंपियन है। 

राजधानी के गऊघाट स्थित मंडी पर एक लाख की कीमत के अजमेरी नस्ल का बकरा दबंग बाजार की रौनक बना है। इस बार जॉगर्स पार्क स्थित बाजार के अलावा ठाकुरगंज के गोमती नदी के किनारे गऊघाट पर बकरा मंडी सजी है।

यहां पर राजस्थान, बिहार और अन्य प्रदेशों से व्यापारी बकरे लेकर आए हैं। मंडी में इस बार देसी से लेकर अजमेरी, जमनापारी, बर्रबरी और तोतापरी नस्ल के बकरों की धूम है। जैसा बकरा वैसी ही उसकी कीमत रखी गयी है। बाजार में छह हजार से एक लाख तक बकरों की कीमत है।

बिहार से आए मवेशी विक्रेता आरिफ के मुताबिक बाजार में सिरोही नस्ल के बाद जमनापारी सबसे महंगे बिकने वाले बकरे हैं, जिनकी शुरुआती कीमत 25 हजार रुपये है, जोकि दो लाख रुपये तक आसानी से बिक रहे हैं। एक लाख से ऊपर वाले बकरे एक दो दिन में लाए जाएंगे।

फतेहपुर से बकरा बेचने के लिए राकेश बताते हैं कि इस साल बकरों की कीमत में इजाफा हुआ है। पिछले साल जो बकरा पांच हजार रुपये में बिकता था वह इस बार सात से आठ हजार रुपये में बिक रहा है। असल में अब अन्य जानवरों की कुर्बानी नहीं दी जा रही है और जिसके कारण बकरों की कीमतों में इजाफा हुआ है।

बाजार में ये हाल है कि अजमेर में दबंग के दाम 85 हजार रुपये तक लग गए थे,  पर व्यापारी इसे बेचने के लिए लखनऊ लाए हैं और यहां पर इसकी कीमत एक लाख रखी गयी है। वहीं सल्लू 85 हजार और बाहुबली के दाम 80 हजार तय हैं। 75 हजार कीमत वाले चैंपियन बकरे के दाम जहां 60 हजार लग चुके हैं तो 80 हजार की कीमत वाला सुल्तान 71 हजार में बिक गया।