उत्तर प्रदेश के बरेली में निकाह हलाला का इंसानियत को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है। यहां एक महिला को पहले उसके पति ने फोन पर तीन तलाक दिया और फिर निकाह करने के लिए ससुर से हलाला का दबाव बनाया। ससुर से निकाह हलाला और तलाक के बाद पति ने जबरन संबंध बनाए तो महिला गर्भवती हो गई और उसने एक बच्चे को जन्म दिया। अब शौहर उसे और बच्चे को अपनाने को तैयार नहीं है। शौहर का कहना है कि बच्चा उसका नहीं बल्कि उसके पिता का है। वहीं महिला बच्चा पति का बता रही है। वह इसके लिए डीएनए टेस्ट कराने को भी तैयार है। 

पीड़िता का आरोप है कि 30 सितंबर, 2015 में उसका निकाह संभल के एक ट्रांसपोर्टर से हुआ था। निकाह के कुछ दिनों बाद ही उसे दहेज के नाम पर प्रताड़ित किया जाने लगा। हालात जब बहुत बिगड़ गए तो वह मायके आ गई। इसके बाद बाद पति ने फोन पर तीन तलाक दे दिया। कुछ दिन बाद पति फिर अपनाने को तैयार हो गया। हालांकि दोबारा निकाह से पहले हलाला की शर्त रखी गई। 24 दिसंबर, 2016 को दबाव बनाकर ससुर के साथ हलाला कराया गया। वह रात भर ससुर की दुल्हन बनकर रही। इसके अगले दिन ससुर ने तलाक दे दिया। इससे बाद पीड़िता पति से फिर निकाह करने के लिए 100 दिन की इद्दत की प्रक्रिया पूरी करने लगी।

महिला के मुताबिक, इद्दत के दौरान पति ने जबरन उससे संबंध बनाए। इससे वह गर्भवती हो गई। हालांकि इद्दत के बाद अप्रैल 2017 में उसका निकाह अपने शौहर फिर हो गया। लेकिन जब शौहर को पता चला कि वह गर्भवती है तो उसने गर्भपात कराने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया। हालांकि उसने इससे इनकार कर दिया। इस पर पति ने उसके साथ मारपीट भी की। 

महिला का आरोप है कि अक्टूबर 2017 को उसे 15 दिन कैद में रखा गया। कई दिन उसे खाना भी नहीं दिया गया। उसने किसी तरह पुलिस तक अपनी फरियाद पहुंचाई। थाना नखासा पुलिस मुझे शौहर के घर से छुड़ाया। इसके बाद शौहर ने थाने में पुलिस के सामने कहा कि पांच दिन बाद वह उसे ससुराल से विदा करा लेगा। इस बीच महिला ने एक बेटे के जन्म दिया। अब वह दस महीने का हो गया है। पर आज तक शौहर ने बेटे और मुझे पलटकर नहीं देखा।  

पीड़िता ने कहा है कि वह इस मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट तक दरवाजा खटखटाएगी। इस मामले पर पीड़िता से केंद्रीय मंत्री मुख्तार अब्बास नकवी की बहन फरहत नकवी ने भी मुलाकात की है। 'मेरा हक फाउंडेशन' की अध्यक्ष फरहत नकवी ने बताया कि वह इस मामले को महिला आयोग के सामने भी रखेंगे। 

क्या है निकाह हलाला

अगर किसी महिला को उसका शौहर तलाक दे देता है तो वह तब तक उससे फिर निकाह नहीं कर सकता, जब तक उसकी पत्नी किसी दूसरे शख्स से शादी कर शारीरिक संबंध न बना ले। इसके बाद जब दूसरा शौहर महिला को तलाक दे देगा तब वह पहले शौहर से शादी के लायक होती है। यही निकाह हलाला की प्रक्रिया है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, निकाह हलाला की प्रक्रिया पूरी दुनिया में सिर्फ भारत, पाकिस्तान और बांग्लादेश में ही है। 

तलाक के बाद 3 महीने की 'इद्दत' जरूरी

तलाक और हलाला साथ एक और प्रथा होती है, जिसे इद्दत कहा जाता है। इद्दत 10 दिन का वह समय होता है जो महिला तलाक के बाद अपने मायके में गुजारती है। इद्दत के दौरान महिला को खास निर्देश होते हैं कि वह किसी भी गैर मर्द के सामने न जाए, न ही किसी गैर मर्द को अपना चेहरा दिखाए। इसके पीछे मकसद यह होता है कि अगर तलाक से ठीक पहले महिला गर्भवती हुई हो तो 3 महीने के बाद लोगों को उसकी गर्भावस्था नजर आने लगेगी। इस दौरान वह किसी गैर मर्द से मिली भी नहीं होती तो इससे उसके चरित्र का भी मूल्यांकन हो जाता है।