कोलकाता:  मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के राज में पश्चिम बंगाल और हिंसा जैसे एक दूसरे के पर्याय बन चुके हैं। यहां की राजधानी कोलकाता में आज बीजेपी कार्यकर्ताओं के जुलूस पर पुलिस ने बड़ी ही बेरहमी से लाठियां बरसाईं तथा उनके प्रदर्शन का बड़ी क्रूरता से दमन किया। 

दरअसल बीजेपी कार्यकर्ता अपने एक साथी अनिल सिंह की हत्या से उत्तेजित हो कर प्रदर्शन कर रहे थे। जिनका शव मालदा के इंग्लिश बाजार से बरामद हुआ था। वह दो दिनों से लापता थे। 

इस हत्या के विरोध में बीजेपी के लोग कोलकाता में बिपिन बिहारी गांगुली स्ट्रीट में प्रदर्शन कर रहे थे। उनका जुलूस लाल बाजार की तरफ बढ़ रहा था। 

लेकिन पुलिस ने उन्हें बीच में ही रोक लिया और बीजेपी कार्यकर्ताओं को तितर बितर करने के लिए पूरी ताकत झोंक दी। 
राज्य पुलिस ने ममता बनर्जी के राजनीतिक विरोधियों को खामोश करने के लिए हर संभव तरीका आजमाया। पहले तो लाठीचार्ज किया गया, फिर आंसू गैस के गोले छोड़े गए, इसके बाद पानी की तेज धार का भी इस्तेमाल किया गया। 

ममता बनर्जी की पुलिस के इस दमन के आगे बीजेपी कार्यकर्ता टिक नहीं पाए और आखिरकार उन्होंने मैदान छोड़ दिया। लेकिन पुलिस की इस कार्रवाई ने एक बार फिर से ममता बनर्जी का तानाशाही चेहरा उजागर कर दिया है। 

दरअसल बंगाल में लगातार राजनीतिक हिंसा जारी है। जिसका निशाना बीजेपी के कार्यकर्ता बन रहे हैं। मंगलवार को पश्चिम बंगाल के उत्तर 24 परगना जिले के कांकीनारा में बम धमाके में 2 लोगों की मौत हो गई जबकि 4 लोग घायल हो गए। इस घटना का आरोप टीएमसी कार्यकर्ताओं पर लगा।  

इससे पहले एक आरएसएस और एक बीजेपी के कार्यकर्ता समातुल दोलुई के पेड़ से लटकते शव पाए जाने से सनसनी फैल गई थी। इसका भी आरोप सत्तारुढ़ टीएमसी के लोगों पर लगा। 

इसके अलावा मालदा के इंग्लिश बाजार में बीजेपी कार्यकर्ता अनिल सिंह की हत्या कर दी गई। इन घटनाओं से बीजेपी कार्यकर्ता बेहद नाराज थे। वह लोकतांत्रिक तरीके से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। 

लेकिन राज्य पुलिस ने ममता बनर्जी के इशारे पर बड़ी बेरहमी से उनका दमन किया।