नई दिल्ली। अमेरिका और ईरान के बीच तेजी से बढ़ रहे युद्ध जैसे हालत के कारण भारत में भी पेट्रोलियम उत्पादों की कीमत में इजाफा हो सकता है। माना जा रहा है कि जल्द ही पेट्रोल और डीजल की कीमतों में 5 से 6 रुपये प्रति लीटर का इजाफा हो सकता है। दुनिया की सबसे ज्यादा तेल उत्पादन कंपनी आरामको में हुए ड्रोन हमलों के बाद कच्चे तेल के उत्पादन पर इसका असर हुआ है। लिहाजा इसका असर भारत समेत दुनिया के कई देशों में देखने को मिलेगा।

जानकारी के मुताबिक तेल कंपनियां अपने घाटे को कम करने के लिए आने वाले दिनों में पेट्रोल और डीजल की कीमतों में इजाफा कर सकती हैं। ऐसा माना जा रहा कि तेल कंपनियां करीब 5-6 रुपये प्रति लीटर की दर से तेल की कीमतों में इजाफा कर सकती हैं। वहीं सोमवार को ग्लोबल बेंचमार्क ब्रेंट क्रूड में 19 फीसदी का इजाफा देखने को मिला और कच्चे तेल की कीमत 72 डॉलर प्रति बैरल तक पहुंच गई।

हालांकि बाजार बंद होने के वक्त ये 69 डॉलर प्रति बैरल के स्तर पर पहुंचा। भारत अपनी घरेलू जरूरतों को पूरा करने के लिए 83 फीसदी तेल विदेशों से आयात करता है। गौरतलब है सऊदी अरब की सबसे बड़ी तेल उत्पादक कंपनी अरामको पर हुए ड्रोन अटैक के कारण सऊदी अरब में तेल उत्पादन आधा हो गया है। जिसके कारण बाजार में मांग ज्यादा है और उत्पादन कम। लिहाजा इसका असर तेल की कीमतों पर पड़ने वाला है।

जानकारी के मुताबिक तेल की कीमत में उछाल करीब 28 साल के बाद आया है। खाड़ी युद्ध के बाद 1991 में तेल की कीमतों में एक ही दिन में सबसे ज्यादा उछाल देखने को मिला था। अगर तेल की कीमत में इजाफा होता है। तो इसका असर आर्थिक विकास पर भी देखने को मिलेगा। क्योंकि तेल खरीदने का असर विदेश मुद्रा भंडार पर पड़ेगा। हालांकि तेल उत्पादक देशों के संगठन ओपेक के महासचिव मोहम्मद बरकिंडो ने कहा है घबराने की जरूरत नहीं है।

हालत में जल्द ही सुधार हो जाएगा। हालांकि पेट्रोलियम मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने भी तेल की कमी की संभावना को खारिज किया है और वहीं कल सऊदी अरब ने कहा था कि भारत की जरूरतों के मुताबिक उसे तेल मिलता रहेगा।