मौसम विभाग के मुताबिक गर्मी का तापमान तब दर्ज किया जाता है जब सामान्य से अधिकतम तापमान का + 4 डिग्री से + 5 डिग्री या इससे अधिक के क्षेत्रों के लिए होता है जहां सामान्य अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक होता है और सामान्य से अधिकतम तापमान का शुरूआत का होता है और जब वास्तविक अधिकतम तापमान 45 डिग्री या सामान्य अधिकतम तापमान से अधिक रहता है तो हीट वेव भी घोषित किया जाता है।
नई दिल्ली। मौसम विभाग का कहना है कि मार्च से मई के बीच में लोगों को गर्मी जमकर तपाएगी। माना जा रहा कि इस बार सामान्य की की तुलना में गर्मी होगी। इस बारे में मौसम विज्ञान विभाग का कहना है कि मार्च, अप्रैल, मई में लू की संभावना है। विभाग का कहना है कि पंजाब, हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान, उत्तर प्रदेश, गुजरात, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल, उड़ीसा और तेलंगाना, मराठावाड़ा, मध्य महाराष्ट्र और तटीय आंध्र प्रदेश में सामान्य की तुलना में ज्यादा गर्मी पड़ सकती है इसका सीधा असर जनजीवन पर पड़ेगा।
मौसम विभाग के मुताबिक गर्मी का तापमान तब दर्ज किया जाता है जब सामान्य से अधिकतम तापमान का + 4 डिग्री से + 5 डिग्री या इससे अधिक के क्षेत्रों के लिए होता है जहां सामान्य अधिकतम तापमान 40 डिग्री से अधिक होता है और सामान्य से अधिकतम तापमान का शुरूआत का होता है और जब वास्तविक अधिकतम तापमान 45 डिग्री या सामान्य अधिकतम तापमान से अधिक रहता है तो हीट वेव भी घोषित किया जाता है।
विभाग का कहना है कि गर्मी की लहर के कारण ये राज्य गर्म रहेंगे और यहां पर अधिकतम तापमान सामान्य से 43% अधिक होने की संभावना है। विभाग के मुताबिक उत्तर-पश्चिम, मध्य भारत और दक्षिण भारत के कुछ उप-भागों में औसत तापमान कम से कम 0.5 डिग्री सेल्सियस से अधिक रह सकता है। वहीं हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड और पश्चिम राजस्थान में कम से कम 1 डिग्री सेल्सियस तापमान में इजाफा होगा। वहीं हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पश्चिम राजस्थान और अरुणाचल प्रदेश में अधिकतम तापमान में कम से कम 1 डिग्री सेल्सियस का इजाफा रहने की संभावना है। आमतौर पर मार्च और अप्रैल में ज्यादा गर्मी नहीं होती है। लेकिन इस बार ज्यादा ज्यादा गर्मी का अनुमान है। ज्यादा गर्मी का सीधा असर जनजीवन पर पड़ेगा।
Last Updated Feb 29, 2020, 7:24 AM IST