कानपुर: अंतरराष्ट्रीय स्तर के मानव अंग तस्करी के रैकेट में शामिल होने के आरोप में दिल्ली के पुष्पावती सिंहानिया रिसर्च इंस्टीट्यूट यानी पीएसआरआई के सीईओ दीपक शुक्ला को यूपी पुलिस ने दिल्ली से गिरफ्तार किया है। 

कानपुर पुलिस इस साल के फरवरी महीने से इस मानव अंग तस्करी रैकेट के पीछे लगी हुई थी। बताया जा रहा है कि यह गिरोह गरीबों को नौकरी का झांसा देकर दिल्ली लाता था जिसके बाद उन्हें  7 से 8 लाख रुपए का लालच देकर अपने अंग बेचने के लिए विवश करता था। 
इसी आरोप में पीएसआरआई के सीईओ दीपक शुक्ला को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने बताया है कि पूछताछ में शुक्ला ने मानव अंग तस्करी के रैकेट में शामिल होने की बात स्वीकार कर ली है। इस इंटरनेशनल किडनी रैकेट का खुलासा फरवरी में हुआ था। गिरोह के सरगना गौरव मिश्रा समेत अब तक 10 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।

पुलिस सूत्रों के मुताबिक  जांच के दौरान पीएसआरआई में अवैध तरीके से किडनी प्रत्यारोपण के सबूत मिले हैं। जिसके एवज में इस रैकेट में शामिल लोग मोटा पैसा वसूलते थे। इस रैकेट में देश के जाने माने अस्पतालों के अधिकारी शामिल हैं। जिनके बारे में आगे जांच की जा रही है। 

इस गिरोह के सदस्य जनवरी में कानपुर की एक महिला को काम दिलाने के बहाने गाजियाबाद ले गए थे। महिला को किडनी और लिवर बेचने के बदले पैसों का लालच दिया गया। इसके बाद महिला किसी तरह कानपुर लौटी और फरवरी में उसने एफआईआर दर्ज कराई।

जांच में पुलिस को पता चला कि अमीरों से किडनी बदलवाने के एवज में 30 लाख और लिवर के हिस्से के बदले 80 लाख रुपए लिए जाते थे, लेकिन किडनी देने वाले गरीबों को सिर्फ 7-8 लाख रुपए दिए जाते थे।