जयपुर से देवेन्द्र सिंह की रिपोर्ट

राज्य में नई सरकार के पहले विधानसभा सत्र से पहले भाजपा आज अपने विधायक दल का नेता चुन लिया है. राज्य के पूर्व गृहमंत्री और वरिष्ठ नेता गुलाब चंद कटारिया को नेता प्रतिपक्ष चुना गया है. जबकि राजेन्द्र राठौर का सदन में प्रतिपक्ष का उप नेता चुना है. राज्य में 15 जनवरी से राज्य की नई चुनी सरकार का पहला विधानसभा सत्र होना है.

आज जयपुर में इसको लेकर भाजपा के विधायकों की बैठक थी. जिस पर केन्द्रीय पर्यवेक्षकों ने सर्वसम्मति में पूर्व गृहमंत्री गुलाब चंद्र कटारिया को नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया है,जबकि उनके साथ राज्य के पूर्व पंचायती राज मंत्री राजेन्द्र राठौर को उपनेता बनाया है. राज्य में सत्ता खोने के बाद भाजपा में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे नेता प्रतिपक्ष या प्रदेश अध्यक्ष के पद के लिए दावेदारी कर रही थी.जबकि संघ और भाजपा संगठन हार के लिए राजे को जिम्मेदार बताते हुए उन्हें राज्य की राजनीति से बाहर करने के पक्ष में था.

क्योंकि राजे की राज्य की राजनीति में अच्छा दखल है. मुख्यमंत्री रहते हुए उन्हें प्रदेश अध्यक्ष भी अपने करीबी को बनाया था. लेकिन चुनाव हारने के बाद उनकी दावेदारी कम हो गयी थी. असल में राजे लोकसभा चुनाव की कमान राज्य में अपने हाथ में रखना चाहती थीं. विधायकों की बैठक में केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली मौजूद थे. इनके अलावा केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री एवं प्रदेश चुनाव प्रभारी प्रकाश जावड़ेकर, राष्ट्रीय उपाध्यक्ष एवं प्रदेश प्रभारी अविनाश राय खन्ना, राष्ट्रीय प्रवक्ता एवं प्रदेश चुनाव सह-प्रभारी सुधांशु त्रिवेदी भी बैठक में मौजूद रहे.

भाजपा ने पिछले दिनों अरुण जेटली व अविनाश राय खन्ना को नेता प्रतिपक्ष तय करने के लिए ऑब्जर्वर नियुक्त किया था. मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के नेतृत्व में लड़े गए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 73 सीटें जीती हैं. इन सभी विधायकों से बैठक में एक-एक कर नेता प्रतिपक्ष के लिए राय ली जाएगी. राजे को भाजपा ने हाल में राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना दिया है। कयास लगाए जा रहे हैं कि पार्टी उन्हें लोकसभा चुनाव में उतार सकती है. हालांकि पहल से ही कयास लगाये जा रहे थे कि पूर्व गृह मंत्री गुलाबचंद कटारिया पर भाजपा नेता प्रतिपक्ष को लेकर दांव खेल सकती है.

कौन है गुलाब चंद कटारिया

गुलाब चंद कटारियां 8वीं बार राजस्थान के विधायक है और एक बार 1989 -91 में लोकसभा सदस्य भी रहे.  उन्होने 1977 मे पहली बार राजस्थान विधानसभा में जीत दर्ज की. उदयपुर सम्भाग के बड़े नेता के रुप में काटरियां 2002 से 2003 में भी नेता प्रतिपक्ष रह चुके है. इसके अलावा गुलाबंचद काटरियां शिक्षा, गृह,सार्वजनिक निर्माण भी रहे है. संघ में तृतीय वर्ष शिक्षित है, माना जाता है कि कटारिया को सुंदर सिंह भंडारी राजनीति में लेकर आए थे.

जैन वर्ग से ताल्लुक रखने वाले कटारियां की गिनती राज्य में सबसे बड़े नेता के रुप में होती है. सीधी और स्पष्ट राजनीति करने वाले कटारियां सियासत के साथ साथ  सादा जीवन शैली के लिए चर्चित रहे है. हाल ही में 15 वी विधानसभा के लिए राजभवन से उन्हे सबसे वरिष्ठ विधायक होने के नाते प्रोटाइम स्पीकर भी नियुक्त किए जाने की चर्चा है. उम्मीद है 15 जनवरी को उन्हें विधानसभा में प्रोटाइम स्पीकर की शपथ दिलाई जा सकती है. गौरतलब है कि प्रोटाइम स्पीकर हाल ही में चुनाव जीते विधायको को शपथ और नए स्पीकर के चयन होने तक पद पर बना रह सकता है.