जयपुर में मंगलवार दिनभर सियासी घटनाक्रम चलता रहा और दोपहर के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से हटा दिया। सनिन पायलट के साथ ही उनके सहयोगी कैबिनेट मंत्रीविश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री, रमेश मीणा को भी खाद्य मंत्री पद से हटाकर अपनी ताकत का ऐहसास कराया।
नई दिल्ली। राजस्थान में सियासी हालात को देखते हुए भारतीय जनता पार्टी राज्य की पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को उतार दिया है। राजे के मैदान में आ जाने के बाद राज्य की सत्ताधारी कांग्रेस सरकार की मुश्किलें और ज्यादा बढ़ेंगी। अभी तक राजे इस पूरे प्रकरण पर खामोश थी और अब भाजपा ने उन पर विश्वास जताया है। भाजपा ने आज जयपुर में एक बैठक बुलाई है और ये बैठक वसुंधरा राजे की अगुवाई में यह बैठक होगी। लेकिन राज्य के सियासी उठापटक के बीच में महारानी का उतरना इस बात को जाहिर करता है कि भाजपा ने राज्य में इसमें एंट्री करने का फैसला कर लिया है।
जयपुर में मंगलवार दिनभर सियासी घटनाक्रम चलता रहा और दोपहर के बाद कांग्रेस ने सचिन पायलट को उपमुख्यमंत्री पद से और प्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष के पद से हटा दिया। सनिन पायलट के साथ ही उनके सहयोगी कैबिनेट मंत्रीविश्वेंद्र सिंह को पयर्टन मंत्री, रमेश मीणा को भी खाद्य मंत्री पद से हटाकर अपनी ताकत का ऐहसास कराया। पायलट को पद से हटाने के साथ ही कांग्रेस ने दावा किया है कि पायलट और कुछ मंत्री साथी भाजपा के षडयंत्र में शामिल हैं और सरकार गिराने की कोशिश कर रहे हैं।
लेकिन इस पूरे प्रकरण के बाद देर शाम को भाजपा एक्टिव मूड में आई। हालांकि दोपहर में पार्टी ने सांसद ओम माथुर को राजस्थान भेजा, जहां उन्होंने पार्टी के नेताओं के साथ बैठक कर राज्य के हालत का जाएजा लिया। असल में अब सचिन पायलट के हाथ में राज्य की सियासत की चाबी है अगर वह कांग्रेस के 30 से ज्यादा विधायकों को तोड़ते हैं। लिहाजा भाजपा ने राज्य की कद्दावर नेता वसुंधरा राजे को मैदान में उतारा। ताकि रणनीति बनाकर राज्य की सत्ता पर फिर काबिज हुआ जा सके। हालांकि भाजपा ने पत्ते नहीं खोले हैं और वह सचिन पायलट की अगली रणनीति पर नजर रखे हुए है। वहीं वसुंधरा के मैदान में आने के बाद राज्य के सीएम अशोक गहलोत की मुश्किलें बढ़ेंगी। क्योंकि राजे की राज्य की सियासत में पकड़ है।
Last Updated Jul 15, 2020, 9:07 AM IST