पटना। बिहार में विजयादशमी के मौके पर सत्ताधारी जनता दल यूनाइटेड और भारतीय जनता पार्टी के बीच दूरियां देखने को मिली। नीतीश कुमार के मंच पर भाजपा के नेता गायब रहे। जिसके बाद राज्य में दोनों के बीच दरार की अटकलें तेज हो गई हैं। हालांकि बाढ़ को लेकर बिहार में भाजपा के नेता पहले से ही आक्रामक रहे थे और उन्होंने सीधे तौर पर नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया था।

पटना के गांधी मैदान में आयोजित विजयादशमी के मौके पर रावण, कुम्भकर्ण और मेघनाद के पुतले जलाए गए थे। यहां पर मंच पर राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार मौजूद थे। लेकिन भाजपा के नेता वहां से नदारद थे। जबकि इसके लिए भाजपा के नेताओं को बुलाया गया था। लिहाजा भाजपा के नेताओं के मंच पर न होने से राज्य की राजनीति गर्मा गई है। ऐसा माना जा रहा कि राज्य में राजग में दरार पड़ गई है। हालांकि अभी तक ये अटकलें हैं। क्योंकि कभी दल के नेता की तरफ से इस बात की पुष्टि नहीं की गई है।

इस बार गांधी मैदान में विजयादशमी के मौके पर भीड़ कम रही। क्योंकि राज्य में बारिश ने तबाही मचाई हुई है। हजारों लोग बेघर हो गए हैं और सैकड़ों लोगों की मौत बारिश के कारण हुई है। लिहाजा राज्य में विपक्षी दलों के साथ ही भाजपा के नेताओं ने भी इसके लिए राज्य के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार बताया था। भाजपा के केन्द्रीय मंत्रियों ने सीधे तौर पर शासन और प्रशासन को जिम्मेदार बताते हुए राज्य सरकार को कठघरे में खड़ा किया था।

दशहरे के मौके पर सभी दलों के नेताओं को बुलाया गया था। इसमें विपक्षी दलों के कई नेताओं ने हिस्सा लिया। लेकिन राज्य के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद, पाटलीपुत्र से सांसद राम कृपाल यादव और राज्य में मंत्री नंद किशोर यादव के लिए आवंटित सीटें खाली थी।