माफिया डॉन मुन्ना बजरंगी की बागपत जेल में हुई हत्या पर दिवंगत कृष्णानंद राय की पत्नी और गाज़ीपुर के मोहम्मदाबाद से बीजेपी विधायक अलका राय ने खुशी ज़ाहिर की है। उन्होंने कहा कि “इस घटना के बारे में टीवी के माध्यम से पता चला, मेरे पति के हत्यारे की मौत की ख़बर सुनकर मुझे खुशी हुई। भगवान ने हिसाब कर दिया है”।

अलका राय ने कहा कि किसी न किसी की तो आह लगी होगी। ऐसे गुंडों की वज़ह से कई महिलाएं विधवा हुई हैं। अलका राय ने कहा कि इसके शूटर बाहर घूमते हैं। हमको डर नहीं लगता लेकिन बच्चों की वजह से सुरक्षा के बारे में सोचना पड़ता है।

कृष्णानंद राय की हत्या में मुख्य अभियुक्त था बजरंगी

नवंबर 2005 की शाम भांवरकोल क्षेत्र के बसनिया पुलिया के पास अपराधियों ने स्वचालित हथियारों से भाजपा विधायक कृष्णानंद राय व उनके छह साथियों की हत्या कर दी थी। इस हत्याकांड को मुन्ना बजरंगी ने माफिया डॉन और विधायक मुख्तार अंसारी के कहने पर अंजाम दिया था।

हत्याकांड को उस समय अंजाम दिया गया जब कृष्णानंद राय सियाड़ी गांव में आयोजित क्रिकेट प्रतियोगिता का उद्घाटन करने के बाद वापस लौट रहे थे। उसी समय घात लगाकर बैठे अपराधियों ने अचानक उनके काफ़िले पर अंधाधुंध गोलियों की बौछार कर दी। हमलावरों ने 6 एके-47 राइफलों से 400 से ज्यादा गोलियां चलाई थीं। इस में मुख़बीरी इतनी सटीक थी की अपराधियों को मालूम था की कृण्णानंद राय घर से अपनी बुलेट प्रूफ गाड़ी से नहीं निकले हैं।

कृष्णानंद राय की हत्या के विरोध में जल उठा था पूर्वांचल

विधायक कृष्णानंद राय की हत्या के बाद गाज़ीपुर सहित पूरे यूपी और बिहार में हड़कंप मच गया था। हत्याकांड के विरोध में लगभग एक सप्ताह तक गाज़ीपुर, बलिया, आजमगढ़, वाराणसी में आगज़नी, तोड़फोड़ और आंदोलनों का दौर चलता रहा। उस आंदोलन का नेतृत्व राजनाथ सिंह ने किया था।