केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सत्ता पर काबिज भारतीय जनता पार्टी के सांसद और विधायक के बीच जुबानी जंग और जूते जगजाहिर हैं। सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश बघेल के बीच हुए जूता कांड तो जगजाहिर है, लेकिन राज्य में करीब एक दर्जन सांसद और क्षेत्रीय विधायकों के बीच कई बार जुबानी बाण चल चुके हैं।

संतकबीर नगर के सांसद शरद त्रिपाठी और विधायक राकेश बघेल के जूता कांड के को जूते से क्या मारा राज्य के कई विधायकों का दर्द राज्य संगठन के प्रमुख के सामने छलक गया। अब भाजपा ने सांसद और विधायक को तलब कर किया है। लेकिन राज्य के सांसद और विधायकों में तल्ख होते रिश्तों के बीच विधायकों के सांसद बनने की हसरतें सबसे बड़ा कारण हैं। शरद त्रिपाठी और बघेल के रिश्ते तो अब जगजाहिर हो गए हैं। लेकिन राज्य में करीब दो दर्जन सांसदों के अपने क्षेत्रीय विधायकों से तल्ख रिश्तें हैं। सूत्रों का कहना है कि पार्टी ने इस मामले में जिले के प्रभारी मंत्री आशुतोष टंडन से रिपोर्ट तलब कर ली है। रिपोर्ट के मुताबिक अब दोनों पर ऐक्शन हो सकता है।

राज्य में हरदोई में सांसद अंशुल वर्मा और विधायक नितिन अग्रवाल एक दूसरे खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। हरदोई में अग्रवाल परिवार की तूती बोलती है। इसके अलावा गोपामऊ से विधायक श्याम प्रकाश एक साथ कई सांसदों के खिलाफ मोर्चा खोले हुए हैं। जबकि सोशल मीडिया पर श्यामप्रकाश सीधे बीजेपी पर ही निशाना साध रहे हैं। बड़ौत से पार्टी विधायक केके मलिक वहां के बागपत के सांसद सतपाल सिंह के खिलाफ भी विधायक मुखर हैं। कुछ दिन पहले ही मलिक ने सतपाल मलिक के खिलाफ बयान दिया था कि सांसद हमें नहीं चाहते और हम उन्हें नहीं चाहते। यही नहीं अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह, मेरठ के सांसद राजेंद्र अग्रवाल और अमरोहा के सांसद कंवर सिंह तंवर का भी है।

उनकी लोकसभा क्षेत्र के विधायक भी सांसदों का विरोध कर रहे हैं। अयोध्या के सांसद लल्लू सिंह भी विधायकों से नाराज होकर जिला योजना की बैठक छोड़कर जा चुके हैं। बस्ती से सांसद हरीश द्विवेदी और कप्तानगंज विधायक सीपी शुक्ला भिड़ गए चुके हैं। जबकि धौरहरा के सांसद रेखा वर्मा व विधायक शशांक त्रिवेदी कंबल वितरण कार्यक्रम में भिड़ गए। असल में पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी कह चुके हैं कि जो सांसद अपने क्षेत्र से नहीं जुड़े रहे और जिनकी रिपोर्ट अच्छी नहीं उन्हें टिकट नहीं दिया जाएगा। वहीं उन विधायकों और मंत्रियों को टिकट दिया जाएगा, जो क्षेत्र में अच्छा कार्य कर रहे हैं। इसी बात से तीन दर्जन से ज्यादा सांसद घबराए हुए हैं। हाल ही में कांग्रेस में शामिल होने वाली सावित्रि बाई फुले का भी टिकट काटा जाना तय था।