महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के संबंधों में उहापोह की स्थिति लगातार बनी हुई है। इसी बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मुंबई पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। अमित शाह शिव सेना के व्यवहार से खासे नाराज दिखे।
महाराष्ट्र में बीजेपी-शिवसेना के संबंधों में उहापोह की स्थिति लगातार बनी हुई है। इसी बीच भाजपा अध्यक्ष अमित शाह मुंबई पहुंचे और कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। अमित शाह शिव सेना के व्यवहार से खासे नाराज दिखे। यहां पर महाराष्ट्र के नेताओं से बात करते हुए उन्होंने कहा कि जिस तरह से शिव सेना व्यवहार कर रही है उससे आगे गठबंधन चलाना संभव नहीं है।
शाह ने कहा कि अविश्वास प्रस्ताव में अनुपस्थित रहकर शिव सेना ने गठबंधन धर्म के खिलाफ काम किया है। इसलिए हमें महाराष्ट्र में अकेला चुनाव लड़ना पड़ सकता है। हमें सभी 48 लोकसभा सीटों पर तैयार रहना चाहिए। अमित शाह ने महाराष्ट्र बीजेपी नेतृत्व से कहा है कि सभी 48 सीटों पर लोकसभा प्रभारियों की नियुक्ति जल्द से जल्द की जाए। शिवसेना पहले ही घोषणा कर चुकी है कि 2019 का चुनाव वो अकेले लड़ेगी।
शाह ने राज्य इकाई को निर्देश दिया कि राज्य भर में बूथ-वार कैडर तैयार करें और हर बूथ के लिए पांच कर्यकर्ताओं की टीम बनाएं जो स्थानीय स्तर पर आंदोलन का नेतृत्व करेंगे। इन पांच कार्यकर्ताओं के साथ 20 लोगों की टीम काम करेंगी।
सूत्रों ने बताया की बीजेपी अध्यक्ष पूरे राज्य से बूथ कार्यकर्ताओं की लिस्ट बनाकर अपने पास मंगाया है। शाह ने राज्य इकाई से प्रत्येक बूथ में मंदिरों और उन मंदिरों में पुजारी और मतदाताओं का ब्यौरा मंगाया है।
शाह ने उज्ज्वला योजना और जन धन योजना जैसी सरकारी योजनाओं के लाभार्थियों की भी सूची तैयार करने के लिए कार्यकर्ताओं से कहा है। साथ इन योजनाओं का ग्रामीण इलाकों में व्यापक प्रचार करने को कहा है।
शाह ने शहरी और अर्ध शहरी क्षेत्रों में जीएसटी की कम दरों को कार्यकर्ताओं के माध्यम से जन-जन तक पहुंचाने का निर्देश दिया। उन्होंने मुंबई इकाई को उन शहरी क्षेत्रों मे अलग से रणनीति तैयार करने को कहा है जहां पर शिवसेना मजबूत स्थिती में है।
शाह अभी तक सामना में छप रहे मोदी विरोधी आलेख और पार्टी प्रवक्ता संजय राउत के बयान को भी नजरअंदाज करते आए थे लेकिन अविश्वास प्रस्ताव के दौरान मोदी सरकार को समर्थन नहीं करने के फैसले ने अमित शाह को नाराज कर दिया। अब भाजपा नेताओं की तरफ सेना के इस व्यवहार को विश्वासघात बताया जा रहा है जिसे देखकर लगाता है भाजपा-शिवसेना का 25 साल पुराना गठबंधन अब खत्म होने के कगार पर है।
एक सूत्र ने माय नेशन को बताया कि भाजपा शिवसेना से बात के लिए सभी दरवाजे बंद नहीं करेगी और पिछले दरवाजे से प्रकाश जावडेकर के माध्यम से सुलह की कोशिश होती रहेगी। सूत्रो का कहना है कि अब से ना तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह और न हीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बात करेंगे और न हीं उदधव ठाकरे कोई मुलाकात करेंगे। संभावनाएं बहुत अधिक हैं कि सेना संबंधों को सुधारने के लिए बीजेपी से संपर्क करे, उन्हें जवाड़ेकर और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ बातचीत करने के लिए कहा जाएगा।
Last Updated Jul 23, 2018, 6:57 PM IST