नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में सियासी ड्राम खत्म होने का नाम नहीं ले रहा है। राज्य में शह मात का खेल शुरू हो गया है। जहां भाजपा का दावा है कि कांग्रेस के विधायक इस्तीफा देने की तैयारी हैं। वहीं कांग्रेस ने भाजपा के खेमें में सेंध लगा दी है।  राज्य में सीएम कमलनाथ ने भाजपा को झटका देते हुए तीन विधायकों को अपने खेमे में कर लिया है। जो भाजपा के लिए लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। वहीं कांग्रेस के चार विधायक अभी कांग्रेस के खेमे में नहीं आए हैं।

राज्य में चर्चा है कि कांग्रेस के कई विधायक इस्तीफा दे सकते हैं। जबकि इससे पहले सुवासरा से कांग्रेस विधायक हरदीप सिंह डांग इस्तीफा दे चुके हैं। लिहाजा राज्य सरकार पर सियासी संकट के बादल मंडरा रहे हैं। हालांकि  इस बीच कांग्रेस के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने विधायकों की नाराजगी को खत्म करने के लिए विधानसभा सत्र के बाद राज्य में कैबिनेट विस्तार की बात कही है। ताकि नाराज विधायकों को मनाया जा सके। हालांकि कांग्रेस के तीन विधायक भी राज्य से गायब है। माना जा रहा है कि कांग्रेस विधायक बिसाहूलाल सिंह, रघुराज सिंह कंसाना और निर्दलीय विधायक सुरेंद्र सिंह शेरा बंगलूरु से नहीं लौटे हैं। वहीं कयास लगाए जा रहे हैं कि राज्य  में अभी  कई कांग्रेस विधायक इस्तीफा दे सकते हैं।

 

कैबिनेट विस्तार का खेला दांव
राज्य में आए सियासी संकट के बाद कांग्रेस ने अब कैबिनेट विस्तार का दांव खेला है।  राज्य के दिग्गज नेता दिग्विजय सिंह ने कहा कि बजट सत्र के बाद कैबिनेट विस्तार किया जाएगा।

कर्नाटक का फार्मूला लागू कर रही है भाजपा

मध्य प्रदेश में भाजपा कर्नाटक का फार्मूला लागू कर रही है। वह विधायकों के इस्तीफे के जरिए राज्य में कांग्रेस की सरकार को गिराने की रणनीति पर काम कर रही है। अगर राज्य में ये फार्मूला सफल रहता तो एक राज्य और कांग्रेस के हाथ से निकल सकता है।

कांग्रेस ने लगाई भाजपा में सेंध

हालांकि राज्य में चल रहे सिसायी संकट के बीच कांग्रेस ने भाजपा खेमे में सेंध लगा दी। माना जा रहा है कि जल्द ही विधायक नारायण त्रिपाठी, शरद कोल और संजय पाठक कांग्रेस का दामन थाम सकते हैं। जबकि कल ही दिग्विजय सिंह ने संजय पाठक पर सरकार को अस्थिर करने का आरोप लगाया था।