असल में राज्य में आदिवासियों की संख्या ज्यादा है और जो राज्य में चुनाव में ये तय करती है कि राज्य की सत्ता किसके पास रहेगी। माना जा रहा है कि मरांडी को भाजपा सदन में नेता विपक्ष नियुक्त करेगी। क्योंकि अभी तक इस पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया है।
रांची। झारखंड में राज्य की हेमंत सोरेन की मुश्किलें बढ़ने जा रही हैं। क्योंकि कभी भाजपा के दिग्गज रहे बाबूलाल मरांडी की पार्टी का आज भाजपा में विलय हो रहा है। भाजपा में झारखंड विकास मोर्चा का विलय होने के बाद राज्य में वह मजबूत होगी। क्योंकि मरांडी आदिवासी वर्ग से आते हैं और सोरेन भी आदिवासी वर्ग से हैं। वहीं विधानसभा में भाजपा का एक सदस्य बढ़ जाएगा।
आज केन्द्रीय गृहमंत्री अमित शाह और पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा की मौजूदगी में जेवीएम का भाजपा में विलय होगा। हालांकि जेवीएम ने विधानसभा चुनाव में तीन सीटें जीती थी। लेकिन दो विधायकों के बागी हो जाने के बाद पार्टी में बाबूलाल मरांडी ही एकमात्र विधायक हैं जो भाजपा में शामिल होंगे। हालांकि इन दो विधायकों का भविष्य विधानसभा अध्यक्ष के हाथों में है। क्योंकि इन विधायकों को पार्टी से बाहर कर दिया गया था।
फिलहाल झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी के भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के बाद राज्य में पार्टी मजबूत होगी। मरांडी राज्य के पहले मुख्यमंत्री हैं और राज्य बनने के बाद उन्होंने राज्य की सत्ता संभाली थी। लेकिन बाद में पार्टी से मनमुटाव के चलते उन्होंने पार्टी को अलविदा कह दिया था। राज्य में विधानसभा चुनाव के दौरान आदिवासी और गैर आदिवासी का मुद्दा था।
जबकि भाजपा के सीएम रघुवर दास राज्य के पहले गैर आदिवासी मुख्यमंत्री थी। जिसके कारण भाजपा को राज्य में सत्ता खोनी पड़ी थी। असल में राज्य में आदिवासियों की संख्या ज्यादा है और जो राज्य में चुनाव में ये तय करती है कि राज्य की सत्ता किसके पास रहेगी। माना जा रहा है कि मरांडी को भाजपा सदन में नेता विपक्ष नियुक्त करेगी। क्योंकि अभी तक इस पद पर किसी को नियुक्त नहीं किया गया है। इसके साथ ही मरांडी राज्य सरकार को घेरेंगे।
Last Updated Feb 17, 2020, 10:28 AM IST