बेंगलुरू। कर्नाटक में सत्ताधारी बीएस येदियुरप्पा सरकार ने राज्य के डिप्टी सीएम लक्ष्मण सावदी की कुर्सी बचाने के लिए उन्हें उच्च सदन यानी विधान परिषद में भेजना का फैसला किया है। सावदी अभी किसी सदन के सदस्य नहीं हैं। लिहाजा भाजपा सरकार ने उसकी कुर्सी बचाने के लिए उन्हें उच्च सदन में फैसला किया है।

फिलहाल राज्य की विधान परिषद में अभी एक मात्र खाली है। ये सीट कांग्रेस के विधायक के विधानसभा का चुनाव जीतने के बाद खाली हुई है। इसके लिए भाजपा ने राज्य के उपमुख्यमंत्री लक्ष्मण सावदी को टिकट दिया है। हालांकि चुनाव में कांग्रेस ने हिस्सा नहीं लेने का फैसला किया है। क्योंकि कांग्रेस के पास संख्या बल नहीं है। इसके कारण उसका हारना तय है। जिसके बाद पार्टी ने किसी को भी मैदान में नहीं उतारा है। वहीं सावदी का इस सीट के लिए निर्विरोध जीतना तय है।

लक्ष्मण सावदी 17 फरवरी को निर्विरोध निर्वाचित होंगे। सावदी को येदियुरप्पा का करीबी माना जाता है और पिछले साल राज्य से सीएम येदियुरप्पा ने उन्हें उपमुख्यमंत्री बनाया था। जब वह उपमुख्यमंत्री बने थे तब वह किसी भी सदन के सदस्य नहीं थे।  राज्य में सीट कांग्रेस नेता रिजवान के इस्तीफा देने के बाद खाली हुई थी। क्योंकि रिजवान विधानसभा का चुनाव जीते थे और वह उससे पहले विधान परिषद के सदस्य थे।


सावदी ने कांग्रेस-जेडीएस की सरकार को अस्थिर करने में अहम भूमिका निभाई थी। जिसके बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनी थी। सावदी न विधानसभा और न ही विधान परिषद के सदस्य हैं। आठ साल पहले लक्ष्मण सावदी विधानसभा में ब्लूफिल्म देखते हुए पकड़े गए थे। इसके बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन 2018 में वह विधानसभा का चुनाव हार गए थे। लेकिन राज्य में कांग्रेस-जेडीएस की सरकार गिरने के बाद राज्य में बनी भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने उन्हें डिप्टी सीएम बनाया था।