भारतीय सुरक्षा बलों के जवानों को अपनी खूबसूरती के जाल में फंसाकर उनसे राज निकवाने की एक और घटना सामने आई है। इस मामले में यूपी एटीएस की तत्परता से राज खुला है और बीएसएफ के एक जवान को हिरासत में लिया गया है। 

इस जवान का नाम अच्युतानंद मिश्रा है, जो कि मध्य प्रदेश के रीवां का रहने वाला है। उसे पाकिस्तानी खुफिया एजेन्सी आईएसआई(ISI) की एक महिला जासूस ने फेसबुक फ्रेंड बनकर फंसाया था। 

इस बारे में सबसे पहले मिलिट्री इंटेलिजेन्स की चंडीगढ़ इकाई को भनक लगी। जिसने यूपी एटीएस को इस बारे में जानकारी दी। इस बारे में जब विस्तार से जांच की गई, तो आरोपी बीएसएफ कांस्टेबल का नाम सामने आया। जो फेसबुक के जरिए फेक पाकिस्तानी महिला जासूस के संपर्क में था। 

इस जवान को दो दिन पहले हिरासत में लिया गया। जिसके बाद नोएडा में उससे 17 और 18 सितंबर को पूछताछ हुई। उसका सारा डाटा खंगाला गया, जिससे पता चला कि उसने ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट के तहत दुश्मन देश को सूचनाएं दने का अपराध किया है। 

आरोपी जवान सबसे पहले जनवरी 2016 को पाकिस्तानी महिला जासूस के संपर्क में आया। इस महिला ने खुद को डिफेन्स रिपोर्टर बताकर खुद को पेश किया।
 
पहले तो उस पाकिस्तानी महिला जासूस ने बीएसएफ जवान से प्रेम दर्शाया और कामोत्तेजक बातचीत शुरु कर दी। जब आरोपी जवान पूरी तरह ट्रैप में आ गया, तो इस महिला ने उससे गोपनीय सूचनाएं मांगनी शुरु कर दीं। इसमें यूनिट की लोकेशन, शस्त्र और गोला-बारुद का विवरण, बीएसएफ परिसर का चित्र और वीडियो सब कुछ शामिल था। 

इस हनी ट्रैप के दूसरे चरण में एक पाकिस्तानी नंबर से दोनों के बीच ह्वाट्सएप्प पर बातचीत शुरु हुई। तब तक यह जवान पूरी तरह आईएसआई(ISI) के चंगुल में आ चुका था। वह जान चुका था, कि जिस महिला से उसकी बात हो रही है, वह पाकिस्तानी है। फिर भी वह उसके ट्रैप से निकल नहीं पाया।   

दोनों के चैट से यह खुलासा हुआ है, कि इस जवान को धर्म परिवर्तन के लिए भी उकसाया जा रहा था और कश्मीर पर भारत विरोधी बातें कहकर प्रभावित किया जा रहा था। 

इस मामले में यूपी एटीएस को इस जवान के हनी ट्रैप में होने के सभी सबूत मिल गए है। आरोपी जवान के मोबाइल और फेसबुक से सभी बातों का खुलासा हो गया है। 
इसके द्वारा भेजे गए सभी चित्र और वीडियो भी हासिल कर लिए गए हैं। 

आरोपी जवान के मोबाइल में इस पाकिस्तानी जासूस का नंबर ‘पाकिस्तानी जासूस’ के रुप में सेव किया गया था। 
सबसे बड़ी बात है कि आरोपी जवान ने अपनी जुर्म स्वीकार कर लिया है। उसपर धारा 3,4,5,9 ऑफिशियल सीक्रेट एक्ट 121A, 66डी आईटी एक्ट के तहत अपराध का मामला बनता है।  

आरोपी जवान को लखनऊ में अदालत के सामने पेश किया जा रहा है, जिसके बाद इसे रिमांड पर लिया जाएगा। अभी उससे यह जानना बाकी है, कि इस मामले में कोई और भी जवान तो शामिल नहीं है। इसके अलावा क्या आरोपी को इसके लिए पैसे भी मिले हैं(इसके लिए उसकी अकाउंट डिटेल खंगाली जाएगी)। 

इस जवान ने अभी तक क्या सूचनाएं पाकिस्तान को भेजी है और इससे क्या नुकसान हुआ है, इसका भी अनुमान लगाया जाएगा। 
इस बारे में सशस्त्र बलों के दूसरे जवानों को भी सचेत किया जाएगा।