नई दिल्ली। मध्य प्रदेश में कैबिनेट के गठन के राज्य के मंत्रियों ने अपना कार्यभार संभाल लिया है। लेकिन राज्य में सिंधिया समर्थक मंत्री फिर राज्य में चर्चा का विषय बने हुए हैं। क्योंकि इन मंत्रियों ने भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के प्रति निष्ठा जताते हुए अपने कार्यालय में उनकी तस्वीर लगाई है।  राज्य के जल संसाधन मंत्री तुलसीराम सिलावत ने अपने कार्यालय में महात्मा गांधी, विवेकानंद,  पीएम नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह के साथ ही अपने गुरु ज्योतिरादित्य सिंधिया के चित्र को जगह दी है। जिसके बाद राज्य में राजनीति शुरू हो गई है और कांग्रेस ने इसको लेकर भाजपा पर निशाना साधा है।

तुलसीराम सिलावत को 21 अप्रैल को शिवराज सिंह चौहान मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था लेकिन वह बुधवार को पहली बार अपने कार्यालय पहुंचे। जहां उन्होंने महात्मा गांधी, स्वामी विवेकानंद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को लगाया। लेकिन इनके साथ ही सिलावत ने सिधिया की तस्वीर को भी दिवार पर सुशोभित किया है। पूर्व कांग्रेस नेता सिलावत को सिंधिया का वफादार माना जाता है।

सिंधिया के साथ उनकी निकटता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उन्हें पांच मंत्रियों में शामिल किया गया। जिन्हें 21 अप्रैल को शपथ दिलाई गई थी। सिंधिया की तस्वीर सरकारी कार्यालय में स्थापित करने को लेकर राज्य में राजनीति शुरू हो गई है। पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के मीडिया समन्वयक नरेंद्र सलूजा ने कहा सिंधिया की तस्वीर किस आधार पर लगाई है। इसका जवाब भाजपा को देना चाहिए। वहीं भाजपा नेता पंकज चतुर्वेदी ने कहा कि सिंधियाजी प्रेरणा स्रोत हैं। इसमें कुछ भी गलत नहीं है।

कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री सिलवट

तुलसीराम सिलवट कमलनाथ सरकार में स्वास्थ्य मंत्री थे और वह उन विधायकों में शामिल थे जो जिन्होंने बागी होकर कांग्रेस की सरकार गिराई। सिलवट पिछले साल मई में संसदीय चुनाव के लिए सिंधिया के अभियान का प्रबंधन संभाला और वह सिंधिया के करीबी माना जाता है।