नई दिल्ली। तोपों के मामले में भारत के रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता की कहानी में, एडवांस्ड टॉड आर्टिलरी गन सिस्टम एक ध्वजवाहक की तरह बन गया है। इस आर्टिलरी गन, जिसमें स्वचालित की सुविधा है, को जल्द ही सम्मान के साथ सेना में जगह मिलने वाली है। यह 155 मिमी और 52 कैलिबर बंदूक दुनिया में सबसे लंबी दूरी की बंदूक प्रणाली में से एक है। रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग ने हाल ही में कहा है कि सभी परीक्षण सफल रहे हैं और एक-दो परीक्षणों के बाद इसे सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा।

आरएंडडी विभाग ने इस शीर्ष-बंदूक को भारत का गौरव बताया और कहा कि यह 155 मिमी वर्ग में दुनिया की सबसे लंबी दूरी की बंदूक है। सशस्त्र बलों ने इसके लिए अपनी सहमति दे दी है। अब आपको बताते हैं कि इस बंदूक की क्या विशेषताएं हैं और यह रक्षा क्षेत्र में भारत की आत्मनिर्भरता का प्रमाण कैसे बन गया है। ATAGS को DRDO के आयुध अनुसंधान और विकास विभाग द्वारा विकसित किया गया है और इसे देश की बहुराष्ट्रीय कंपनी भारत फोर्ज द्वारा उत्पादित किया जाएगा।

तोपों के मामले में भारत के रक्षा क्षेत्र की आत्मनिर्भरता की कहानी में, एडवांस्ड टॉड आर्टिलरी गन सिस्टम एक ध्वजवाहक की तरह बन गया है। इस आर्टिलरी गन, जिसमें स्वचालित की सुविधा है, को जल्द ही सम्मान के साथ सेना में जगह मिलने वाली है। यह 155 मिमी और 52 कैलिबर बंदूक दुनिया में सबसे लंबी दूरी की बंदूक प्रणाली में से एक है। रक्षा अनुसंधान और विकास विभाग ने हाल ही में कहा है कि सभी परीक्षण सफल रहे हैं और एक-दो परीक्षणों के बाद इसे सशस्त्र बलों में शामिल किया जाएगा।