पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह और उनके कैबिनेट सहयोगी नवजोत सिद्धू के बीच चली आ रही लड़ाई दिनों दिन बढ़ती जा रही है। तीन दिन पहले ही राहुल गांधी ने दखल देकर सिद्धू का मंत्री पद जाने से बचा लिया था। लेकिन अब सीएम अमरिंदर सिंह ने सिद्धू को एक और बड़ा झटका दिया है। कैप्टन ने राज्य में आठ सलाहकार ग्रुप बनाए हैं। जिसमें किसी भी ग्रुप में उन्हें शामिल नहीं किया है।

कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य में आठ ग्रुप बनाए हैं, जो राज्य की विभिन्न योजनाओं और कार्यक्रमों में तेजी लाने के लिए कार्य करेंगे। लेकिन दिलचस्प ये है किसी भी ग्रुप में सिद्धू को शामिल नहीं किया गया है। जबकि इसमें अन्य मंत्री शामिल हैं। कैप्टन ने आठ सलाहकार समूहों का गठन किया है।

यह समूह कार्यक्रमों और योजनाओं की समीक्षा करके भविष्य में सुधार के लिए अपनी सिफारिशें उन्हें देगा। इन सलाहकार समूह में राज्य के कैबिनेट मंत्रियों को शामिल किया गया है और इसके अध्यक्ष मुख्यमंत्री स्वयं होंगे। ये सलाहकार समूह चार हफ्ते में उन्हें अपनी रिपोर्ट देंगे।

सलाहकार समूह की सिफारिशों पर जुलाई में होने वाली कैबिनेट की बैठक में चर्चा की जाएगी। कैप्टन ने कहा कि राज्य में मौजूदा योजनाओं को और ज्यादा कारगर बनाने के लिए इनका गठन किया गया है। इस ग्रुप में स्थानीय निकाय मंत्री ब्रह्म मोहिंद्रा, वित्त मंत्री मनप्रीत सिंह बादल, भवन निर्माण एवं शहरी विकास मंत्री सुखबिंदर सिंह सरकारिया, लोक निर्माण मंत्री विजय इंदर सिंगला, खाद्य एवं सिविल सप्लाई मंत्री भारत भूषण आशू को सदस्य नियुक्त किया गया है।

जाहिर है कैप्टन के इस रूख से बाद सिद्धू के पर एक तरह से और ज्यादा कतर दिए गए हैं। जबकि तीन दिन पहले ही कैप्टन ने सिद्धू का मंत्रालय बदल दिया था। हालांकि लोकसभा चुनाव के बाद हुई कैबिनेट की बैठक में सिद्धू नहीं गए। जिसे उनकी नाराजगी के तौर पर देखा जा रहा था। लेकिन उसके तुरंत बाद कैप्टन ने उनका मंत्रालय बदल दिया। हालांकि कहा ये जा रहा है कि राहुल गांधी की सिफारिश पर सिद्धू को मंत्रिमंडल से नहीं निकाला गया।