नई दिल्ली। पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिह को अकाली दल से बड़ा झटका मिला है। कैप्टन ने शिरोमणि अकाली दल को नागरिकता संसोधन कानून को लेकर भाजपा का साथ छोड़ने की चुनौती थी। लेकिन आज अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कैप्टन पर हमला बोलते हुए कहा कि उन्हें एक विफल सीएम से नसीहत नहीं चाहिए।

बादल ने कहा कि सीएम का बयान काफी हास्यास्पद है। उन्होंने कहा कि कैप्टन अपनी कुर्सी बचाने के लिए गांधी परिवार के प्रति अपनी चापलूसी और परिवार को खुश करने के लिए इस तरह के बयान दे रहे हैं। असल में अकाली दल ने नागरिकता कानून को लेकर दिल्ली में चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है। हालांकि पिछले विधानसभा चुनाव में अकाली दल ने भाजपा के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था। लेकिन इस बार अकाली दल ने चुनाव नहीं लड़ने का फैसला किया है।

अकाली दल नागरिकता संसोधन कानून में मुस्लिमों को भी शामिल करने के लिए केन्द्र सरकार पर दबाव बना रहा है। जबकि केन्द्र सरकार पहले ही साफ कर चुकी है कि इसमें अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश में धार्मिक तौर पर प्रताड़ित शरणर्थियों को ही शामिल किया जाए। हालांकि इसमें सिखों को भी शामिल किया गया है। फिलहाल अकाली दल के चुनाव न लड़ने के फैसले के बाद पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने मंगलवार को शिरोमणि अकाली दल से केंद्र में राजग गठबंधन छोड़ने की चुनौती दी थी।

अकाली दल केन्द्र में भाजपा का सहयोगी है और राज्य में भी भाजपा और अकाली दल का गठबंधन है। वहीं आज अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने कैप्टन अमरिंदर सिंह पर हमला करते हुए उनके बयान को हास्यास्पद बयान बताया है। उन्होंने कहा कि वह गांधी परिवार को खुश करने के लिए इस तरह का बयान दे रहे हैं। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि पहले कैप्टन ये स्पष्ट करें कि क्या वह पाकिस्तान और अन्य देशों में सताए हुए सिखों को नागरिकता कानून में शामिल करने खिलाफ है। उन्होंने कहा कि उन्हें विफल' मुख्यमंत्री से किसी सीख की जरूरत नहीं है।