आपने किसी हादसे या अनहोनी के बाद पुलिस में एफआइआर दर्ज कराने के लिए दर-दर की ठोकरें खाने की खबरें तो सुनी होंगी...लेकिन जब रसूखदारों की बात हो तो हालात क्या होते हैं, ..इसकी बानगी हरियाणा के सोनीपत में देखने को मिली। यहां एक बिल्ली की मौत के बाद एक डॉक्टर के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। 

ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में लॉ तृतीय वर्ष का एक छात्र अपने साथ एक बिल्ली रखता था। उसने पहली अक्टूबर को पशु चिकित्सक बुलाकर अपनी बिल्ली का वैक्सीनेशन करवाया। छात्र का आरोप है कि गलत इंजेक्शन लगाने के चलते उसकी बिल्ली की हालत बिगड़ गई और फिर उसकी मौत हो गई। छात्र ने पुलिस को शिकायत देकर डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। हैरानी की बात है कि पुलिस ने डॉक्टर के खिलाफ मामला दर्ज भी कर लिया है। 

ओपी जिंदल यूनिवर्सिटी में बिहार के पटना निवासी और लॉ तृतीय वर्ष के छात्र दीप शेखर ने अपनी साथी आरुषि धवन के साथ राई थाना में शिकायत देकर पशु चिकित्सक पर उसकी बिल्ली को गलत इंजेक्शन लगाने का आरोप लगाया है। दीप शेखर ने पुलिस को बताया कि वह विवि में अपने पास एक बिल्ली रखता था। उसकी बिल्ली को एक अक्टूबर को डॉ. हरीश कटारिया ने इंजेक्शन लगाया था। वैक्सीनेशन के दो घंटे बाद ही उसकी बिल्ली की पिछली टांगों ने काम करना बंद कर दिया। उसकी हालत बिगड़ गई। यहां तक की 4 अक्टूबर को उसकी बिल्ली बेहोश हो गई। उस दिन रात को 11 बजे वह अपनी साथी आरुषि धवन के साथ बिल्ली को लेकर दिल्ली के साकेत में एक अन्य पशु चिकित्सक के पास भी गए। वहां डॉक्टर ने कहा था कि बिल्ली की हालत गंभीर है। जब उन्होंने इंजेक्शन के बारे में बताया तो डॉक्टर ने बिल्ली को गलत इंजेक्शन लगाए जाने की बात कही। 5 अक्टूबर को वह उसे लेकर वापस आ गए। इसके बाद बिल्ली मर गई। उन्होंने आरोप लगाया कि डॉ. कटारिया के गलत इंजेक्शन लगाने से उनकी बिल्ली की मौत हुई है। बिल्ली का पोस्टमार्टम करवाने के साथ डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जाए। पुलिस ने दीप शेखर के बयान पर डॉ. हरीश के खिलाफ भादसं की धारा 428, 429 व 336 के तहत मामला दर्ज कर लिया है। 

राई थाने के प्रभारी कुलदीप देशवाल ने बताया, ओपी जिंदल विवि के विद्यार्थियों की तरफ से शिकायत मिली थी। जिसमें बिल्ली को गलत वैक्सीन देने की शिकायत की गई है। मामला दर्ज कर लिया गया है। बिल्ली का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। जांच के बाद कार्रवाई की जाएगी। बहरहाल, इस मामले से एक बात तो साफ हो गई कि पुलिस भी रसूखदारों की सुनती है। पुलिस ने शिकायत के तुरंत बाद मामला दर्ज कर लिया नहीं तो पुलिस किसी बड़े मामले के बाद ही तुरंत  एफआईआर करती है।

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