केन्द्र सरकार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद समेत कई राजनेता और जन प्रतिनिधियों से केन्द्र सरकार की वीआईपी सुरक्षा कवर वापस ले लिया है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने उच्च स्तर की बैठक कर राजनेताओं को दी जा रही सुरक्षा की समीक्षा की थी। जिसके बाद 130 राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों की विभिन्न श्रेणियों में अन्य की सुरक्षा को कम किया गया है। केन्द्र में दोबारा मोदी सरकार बन जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीआईपी सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की पहली बार पूर्ण समीक्षा की।
केंद्र सरकार ने करीब 130 वीवीआईपी को दी जा रही सुरक्षा कवच में कटौती की है। कुछ नेताओं की सुरक्षा की सुरक्षा को हटा दिया गया तो कुछ में उच्च श्रेणी से हटाकर निचले स्तर की श्रेणी में रखा गया है। हालांकि सुरक्षा में कटौती न केवल विपक्षी दलों के नेता की गयी है बल्कि इसमें कई भाजपा नेता भी शामिल हैं। जिसको केन्द्र सरकार द्वारा मुहैया कराई जा रही सुरक्षा कवच को खत्म कर दिया गया है।
केन्द्र सरकार ने राजद प्रमुख लालू प्रसाद समेत कई राजनेता और जन प्रतिनिधियों से केन्द्र सरकार की वीआईपी सुरक्षा कवर वापस ले लिया है। केन्द्रीय गृहमंत्रालय ने उच्च स्तर की बैठक कर राजनेताओं को दी जा रही सुरक्षा की समीक्षा की थी। जिसके बाद 130 राजनेताओं और जनप्रतिनिधियों की विभिन्न श्रेणियों में अन्य की सुरक्षा को कम किया गया है।
केन्द्र में दोबारा मोदी सरकार बन जाने के बाद केंद्रीय गृह मंत्रालय ने वीआईपी सुरक्षा प्राप्त लोगों की सुरक्षा की पहली बार पूर्ण समीक्षा की। केन्द्र सरकार ने बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के ‘‘जेड’ श्रेणी की सुरक्षा को वापस ले लिया गया है। वहीं भाजपा सांसद और पूर्व मंत्री राजीव प्रताप रूड़ी, कांग्रेस नेता कीर्ति आजाद, शत्रुघ्न सिन्हा, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल कलराज मिश्रा, कांग्रेस नेता मीरा कुमार, पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तीन नाती-पोतों, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की एक बेटी और नाती को दी जा रही सुरक्षा को वापस ले लिया गया है।
इन नेताओं और जनप्रतिनिधियों को अब सीआरपीएफ, सीआईएसएफ, प्रतिष्ठित आतंकवाद रोधी बल एनएसजी जैसे केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल (सीएपीएएफ) के कमांडो तथा दिल्ली पुलिस की सुरक्षा कवच नहीं मिलेगी। मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश के मंत्री सुरेश राणा, बिहार की वैशाली सीट से सांसद वीणा देवी, राज्य से पूर्व सांसद उदय सिंह, उत्तर प्रदेश के मंत्री बृजेश पाठक, भाजपा के नेता अनुपम हाजरा, इसरो के अध्यक्ष के सिवन, पूर्व वैज्ञानिक सलाहकार आर चिदंरबम और कांग्रेस नेता दीपेंद्र हुड्डा की भी सुरक्षा वापस ले ली है।
यही नहीं बैठक की समीक्षा के बाद भाजपा के राज्यसभा सांसद ओपी माथुर, आचार्य प्रमोद कृष्णन, आरएसएस नेता इंद्रेश कुमार, भाजपा के पूर्व सांसद उदित राज, इटावा से भाजपा सांसद राम शंकर कठेरिया की सुरक्षा को खत्म कर दिया है। केन्द्र सरकार के आदेश के मुताबिक यूपी के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा, कांग्रेस नेता अवतार सिंह भडाना, पंजाब के मंत्री राणा गुरमीत सोढी, बिहार के पूर्व सांसद साबिर अली, कांग्रेस सांसद प्रताप सिंह बाजवा, मणिपुर विविद्यालय के कुलपति आदय प्रसाद पांडे की सुरक्षा वापस ली गयी है।
जबकि अंतरिक्ष वैज्ञानिक टीके एलेक्स, बसपा सांसद सतीश चंद्र मिश्रा, झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी, उत्तर प्रदेश के भाजपा विधायक संगीत सोम, केंद्रीय मंत्री राम विलास पासवान के सांसद पुत्र चिराग पासवान, पूर्व सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव, सीआरपीएफ के पूर्व निदेशक के विजय कुमार एवं प्रकाश मिश्रा,पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के पुत्र अभिजीत मुखर्जी, कांग्रेस नेता आनंद शर्मा, राज बब्बर, दिग्विजय सिंह, एके एंटनी, मनीष तिवारी को केन्द्र सरकार मिली सुरक्षा को वापस ले लिया गया है।
इसके साथ ही लोकतांत्रिक जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता शरद यादव, माकपा नेता सीताराम येचुरी, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य, भाजपा के पूर्व नेता यशवंत सिन्हा, कांग्रेस की पूर्व सांसद रवनीत सिंह बिट्टू, पंजाब सरकार के पूर्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया, एनआईए के महानिरीक्षक जीपी सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश ओपी सैनी समेत अन्य की सुरक्षा में भी कटौती की गई है।
Last Updated Jul 24, 2019, 3:11 PM IST