श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में कुछ ऐसा होने वाला है। जिसका अंदेशा लगाना फिलहाल मुश्किल है। तरह की तरह की अफवाहें चल रही हैं। लेकिन सच्चाई क्या है ये तो सरकार जानती है। फिलहाल केन्द्र सरकार ने घाटी में दस हजार अर्धसैनिक बलों को तैनात करने के फैसले के बाद अब 18 हजार और अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों को तैनात करने का फैसला किया है। वहीं राज्य के स्कूलों और कॉजेजों में दस दिन की छुट्टी घोषित कर दी गयी हैं। फिलहाल राज्य में अलगाववादियों के चेहरे पर खौफ देखा जा रहा है।

फिलहाल राज्य में अर्धसैनिक बलों की तैनाती को लेकर खलबली मची हुई है। राजनैतिक दल और अलगाववादियों की परेशानी बढ़ गयी है। क्योंकि इन लोगों को लग रहा है कि केन्द्र सरकार राज्य से 35 ए और 370 धारा को खत्म कर रही है। जिसके बाद राज्य की स्थिति बदल जाएगी।

वहीं ये भी कयास लगाए जा रहे हैं कि केन्द्र सरकार राज्य में जल्द से जल्द चुनाव कराना चाहती है। लिहाजा इसके लिए चुनाव से पहले घाटी में आतंक का सफाया होना है। अगर राज्य में आतंकवादी जिंदा रहे तो निष्पक्ष चुनाव होने मुश्किल होंगे।

लिहाजा राज्य में लगातार सुरक्षा बलों द्वारा एनकाउंटर किए जा रहे हैं। राज्य में अभी भी शोपियां जिले में सुरक्षा बलों और आतंकियों के साथ मुठभेड़ चल रही है। पिछले चार एनकाउंटर में सुरक्षाबलों ने आठ आतंकियों को मार गिराया है।

पिछले दिनों केन्द्र सरकार ने राज्य में 10 हजार अर्धसैनिक बलों को नियुक्त करने का फैसला किया है और अब 18 हजार और सुरक्षा बलों को तैनात किया जा रहा है। सुरक्षा बलों को शहर के अतिसंवेदनशील इलाकों तथा घाटी की अन्य जगहों पर तैनात किया जा रहा है।

फिलहाल घाटी में शहर में प्रवेश और बाहर निकलने के सभी रास्तों पर अर्धसैनिक बलों को तैनात किया गया है। वहीं राज्य के कई धार्मिक स्थलों से अर्धसैनिक बलों को हटा दिया गया है। असल में खुफिया जानकारी मिली थी कि घाटी में विदेशी आतंकवादी और स्थानीय आतंकी पुलिस और अर्धसैनिक बलों को निशाना बनाने की योजना बना रहे हैं।

बहरहाल घाटी में बदलते हालातों को मद्देनजर शिक्षण संस्थानों में ग्रीष्मकालीन अवकाश की घोषणा समय से पहले कर दी गयी है। शिक्षण संस्थानों को अगले दस के लिए बंद कर दिया गया है। वहीं राज्य में अमरनाथ यात्रा के लिए कुछ लंगरों को भी बंद कर दिया गया है। घाटी में अर्धसैनिकों के जमावड़े से अलगाववादियों और स्थानीय नेता घबराए हुए हैं। हालांकि आम नागरिक संतुष्ट हैं।