21वीं सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण शुक्रवार की रात को पूरा हो गया। पूरी दुनिया के लोगों ने चांद का रंग बदलते हुए देखा। चांद का रंग अलग-अलग देशों में अलग रंग का दिखाई दिया और ये रंग कुछ घंटों के लिए बदल गया था।

हालांकि भारत के अध‍िकतर हिस्सों में बादल छाए होने की वजह से चंद्रग्रहण देखने में लोगों को दिक्कत आई। ऐसा पहली बार हुआ जब चंद्रग्रगण इतने लंम्बे समय तक टिका रहा।

आपको बता दें, 11 अगस्त 2018 को खंडग्रास सूर्यग्रहण भी होगा जो की पूरे 3 घंटे 55 मिनट तक होगा। इस बार का चंद्रग्रहण और भी खास है क्योंकि इस दिन गुरु पूर्णिमा भी है। इस चंद्रग्रहण को देश के सभी हिस्सों से देखा जा सकेगा। भारत के अलावा यह चंद्रग्रहण ऑस्ट्रेलिया, एशियाई देश और रूस में भी दिखेगा।

हालांकि, 27 जुलाई 2018 का चंद्रग्रहण 21वीं सदी का सबसे लंबा चंद्रग्रहण था। यह चंद्रग्रहण 6 घंटे 14 मिनट रहा था। इसमें पूर्णचंद्र ग्रहण की स्थिति 103 मिनट तक रही।

चंद्रग्रहण होता क्या है, कैसे लगता है?

जब सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी आ जाती है तो सूर्य की पूरी रोशनी चंद्रमा पर नहीं पड़ पाती है। इसे चंद्रग्रहण कहते हैं। जब सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक सरल रेखा में होते हैं तो चंद्रग्रहण की स्थिति होती है। चंद्रग्रहण हमेशा पूर्णिमा की रात में ही होता है। एक साल में अधिकतम तीन बार पृथ्वी के उपछाया से चंद्रमा गुजरता है, तभी चंद्रग्रहण लगता है।