नई दिल्ली: इसरो के दूसरे चंद्र अभियान की लांचिंग टल गई है। इसके लिए अगली तारीखों की घोषणा जल्दी ही कर दी जाएगी। इसे देश के सबसे ताकतवर बाहुबली रॉकेट GSLV-MK3 के जरिए लांच करने की योजना थी। लेकिन ऐन मौके पर इस रॉकेट में खामी का पता चलने की वजह से लांच स्थगित करना पड़ा। 

इसरो वैज्ञानिक ये पता करने की कोशिश कर रहे हैं कि लांच कार्यक्रम से पहले यह तकनीकी कमी क्यों उत्पन्न हुई।  इसरो के प्रवक्ता बीआर गुरुप्रसाद ने एक बयान जारी करते हुए कहा है कि 'जीएसएलवी-एमके3 लॉन्च व्हीकल (रॉकेट) में खामी आने की वजह से लॉन्चिंग रोक दी गई है। लांचिंग की अगली तारीख जल्द ही घोषित की जाएगी'।

चंद्र मिशन लांच का कार्यक्रम रात 2.51 बजे का था। लेकिन तकनीकी खामी का पता चलने की वजह से करीब 56.24 मिनट पहले इसरो मीडिया सेंटर और विजिटर गैलरी में लाइव स्क्रीनिंग रोक दी गई। 

इस रुकावट की वजह से इसरो वैज्ञानिकों की 11 साल की मेहनत को छोटा सा झटका लगा है।  हालांकि, इसरो वैज्ञानिकों द्वारा अंतिम क्षणों में यह तकनीकी कमी खोज लेना बड़ा कदम है। क्योंकि अगर इसे लांच कर दिया जाता तो बड़ा हादसा होने की आशंका थी। 

अब वैज्ञानिक निम्नांकित बिंदुओं पर जांच कर रहे हैं- 

क्रायोजेनिक इंजन में लिक्विड हाइड्रोजन भरते समय सही तापमान या दबाव का न होना।  क्योंकि जिस समय काउंटडाउन रोका गया उससे ठीक पहले लिक्विड हाइड्रोजन भरने का काम पूरा हुआ था।

बाहुबली रॉकेट जीएसएलवी-एमके 3 की बैटरी में दिक्कत हो सकती है। जिसकी जांच की जा रही है। 

इससे पहले पिछले साल जीसैट-11 को मार्च-अप्रैल में भेजा जाना था लेकिन जीसैट-6ए मिशन के नाकाम होने के बाद इसे टाल दिया गया।