कोर्ट कार्ति और पी चिदंबरम की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई कर रहा है और इस अग्रिम जमानत याचिका का प्रवर्तन निदेशालय औऱ सीबीआई विरोध कर रही है। ईडी और सीबीआई का कहना है कि उसे जांच आगे बढ़ाने और आरोपियों से पूछताछ करने के लिए हिरासत चाहिए। ऐसे में आरोपियों की गिरफ्तारी पर लगी रोक को हटाया जाए। 

इससे पहले कोर्ट ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए अब तक सरकारी अनुमति न लेने पर जांच एजेंसी सीबीआई और ईडी को फटकार लगाई थी। कोर्ट ने जांच एजेंसियों को फटकार लगाते हुए कहा था कि अगर मामले की सुनवाई तक आरोपपत्र में दर्ज नामों के खिलाफ सरकार की कार्रवाई के लिए इजाजत नहीं मिली तो अदालत जांच एजेंसियों की तरफ से दायर आरोप पत्र पर संज्ञान नहीं लेगी। 

पिछली सुनवाई के दौरान पी चिदंबरम पर मुकदमा चलाने के लिए केंद्र सरकार ने मंजूरी दे दी थी। 

पी चिदंबरम और कार्ति चिदंबरम सहित अन्य आरोपियों के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय और सीबीआई की ओर से दायर आरोपपत्र पर पटियाला हाउस कोर्ट को संज्ञान लेना है। 

ईडी और सीबीआई ने एयरसेल-मैक्सिस मामले में सीबीआई ने पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम और उनके बेटे कार्ति चिदंबरम को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल की थी। 

आरोप पत्र में कहा गया था कि पी चिदंबरम ने वित्तमंत्री रहते हुए अपने पावर का गलत इस्तेमाल किया है। उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 120 B और पीसी एक्ट की धारा 7, 12,13 (2) के तहत आरोप पत्र दाखिल की गई है। 

दरअसल इस मामले में कुल 18 लोगों को आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ आरोप पत्र दाखिल की गई थी। जबकि ईडी ने कार्ति चिदंबरम के खिलाफ आरोप पत्र दाखिल किया था।