नई दिल्ली: चर्चित आईएनएक्स मीडिया मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट 4 जुलाई को तय करेगा कि इस मामले में आरोपी इंद्राणी मुखर्जी को सीबीआई का गवाह बनने की अनुमति दी जाए या नही। पिछली सुनवाई के दौरान इंद्राणी मुखर्जी का सीबीआई गवाह बनने का समर्थन किया है।

मामले की जांच में जुटी सीबीआई का कहना है कि इंद्राणी मुखर्जी के सरकारी गवाह बनने से इस केस को मजबूती मिलेगी। 

इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी की पेशी के दौरान अदालत ने पूछा था कि क्या इस मामले में उन पर गवाह बनने का कोई दबाव तो नहीं है? इस पर इंद्राणी ने किसी तरह के दबाव से इनकार कर दिया था। उन्होंने कोर्ट को बताया था कि वो स्वेच्छा से सरकारी गवाह बनना चाहती हैं।

305 करोड़ रुपये की संलिप्तता वाले इस मामले में इंद्राणी मुखर्जी के अलावा पी चिदंबरम, उनके बेटे कार्ति चिदंबरम का नाम सामने आया है। यह मामला साल 2007 में आईएनएक्स मीडिया को मिले धन के लिए विदेशी निवेश संवर्धन बोर्ड से अनुमति मिलने से संबंधित है।

इस मामले में सीबीआई ने 15 मई को मामले में प्राथमिकी दर्ज कराई थी। जिसमें आरोप लगाया गया कि वित्त मंत्री रहते हुए चिदंबरम के कार्यकाल में 2007 में कुल 305 करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा हासिल करने में आईएनएक्स मीडिया ग्रुप को एफआईपीबी की मंजूरी दिलाने में भारी अनियमितता हुई थी। 

इस मामले में सीबीआई गवाह बनने की इच्छा जाहिर कर चुकी इंद्राणी मुखर्जी अपनी ही बेटी शीना वोरा की हत्या के मामले में वह मुंबई के भायखला जेल में सजा काट रही हैं।