नई दिल्ली। तिहाड़ जेल में बंद पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता पी.चिदंबरम को घर के बने पकवान नहीं मिलेंगे। उन्हें आम कैदियों की तरह जेल का खाना होगा। हाईकोर्ट ने पी.चिदंबरम की उस मांग को ठुकरा दिया है। जिसमें उन्हें घर का खाना मुहैया कराने और रोज परिचितों से मिलने की छूट दी जाने की मांग की गई थी।

पूर्व केन्द्रीय मंत्री पी.चिदंबरम तिहाड़ जेल में बंद हैं। उनकी जमानत याचिका पर 23 सितंबर को सुनवाई होगी। लेकिन तिहाड़ में पूर्व मंत्री को जेल का खाना पसंद नहीं आ रहा है। जेल के नियमों के मुताबिक कैदी को दाल, रोटी सब्जी और चावल दिया जाता है। लेकिन चिदंबरम दक्षिण भारत के रहने वाले हैं। लिहाजा उन्हें उत्तर भारतीय खाना रास नहीं है।

लिहाजा उनके वकील कपिल सिब्बल ने कोर्ट में जिरह करते हुए मौखिक तौर पर चिदंबरम को जेल में घर से बना हुआ खाना खाने की इजाजत मांगी। सिब्बल ने कहा कि चिदंबरम का स्वास्थ्य सही नहीं है उनका वजन गिर रहा है। अगर कोर्ट उन्हें घर का खाना लाने की इजाजत देता है तो ये उनके लिए न्याय होगा।

लेकिन कोर्ट ने उनकी मौखिक मांग को नकारते हुए कहा कि जेल में सभी कैदियों के लिए एक ही खाना बनता है और सभी को एक ही खाना पड़ता है। ऐसे में वह चिदंबरम के लिए कोई आदेश जारी नहीं कर सकते हैं। चिदंबरम से पिछले दिनों कांग्रेस के कई नेताओं ने मुलाकात की थी। उन्होंने जेल की तन्हाईयों में अपना जन्मदिन मनाया था।

हालांकि इसके बाद चर्चा थी  कि चिदंबरम से कांग्रेस नेता राहुल गांधी भी मिलेंगे। क्योंकि जिन परिचितों की सूची जेल प्रशासन को सौंपी गई है। इसमें एक व्यक्ति का नाम शामिल किया जा सकता है। चिदंबरम आईएनएक्स मीडिया मामले में जेल में बंद हैं। पिछले महीने सीबीआई ने उन्हें गिरफ्तार किया था और उसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया।