नई दिल्ली। कोरोना महामारी पूरी दुनिया में फैलाने के बाद पूरी अर्थव्यवस्था को चौपट करने के बाद चीन का अर्थव्यवस्था में सुधार आ रहा है। वहीं दुनिया के देशों के अर्थव्यवस्था गिरी हुई है।  चीनी में कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन हटने के बाद काराखानों तथा दुकानों को फिर से शुरू करने के बाद चीन की अर्थव्यवस्था 3.2 फीसदी की दर से बढ़ी है। जबकि दुनिया के सभी देशों की अर्थव्यवस्था में गिरावट आई है और ये नकारात्मक हुई हैं।

कोरोना माहमारी चीन के लिए बड़ा अवसर लेकर आई है। हालांकि पूरी दुनिया के आर्थिक हालात जहां खराब हैं, वहीं चीन अपनी अर्थव्यवस्था को मजबूत करने में जुटा है। कोरोना माहमारी से पहले चीन की आर्थिक स्थिति काफी खराब थी और उसकी विकासदर नकारात्मक दिशा में जा रही थी। लेकिन कोरोना महामारी ने चीन की अर्थव्यवस्था को बढ़ा दिया है।  जानकारी के मुताबिक कोरोना लॉकडाउन के बाद चीन में शुरू किए गए काराखानों तथा दुकानों को फिर से खोलने के बाद चीन की अर्थव्यवस्था 3.2 फीसदी की दर से बढ़ी है।

 आंकड़ों के मुताबिक चीन की आर्थिक वृद्धि में आश्यर्यजनक रूप से सुधार देखने को मिला है। क्योंकि चीन की पिछली तिमाही में अर्थव्यवस्था की रफ्तार 6.8 फीसदी की दर से नीचे की तरफ आई थी। वहीं चीन में कोरोना संक्रमण दिसंबर में शुरू हुआ था और उनसे उसके बाद देश में लॉकडाउन कर दिया था। इसके बाद चीन ने लॉकडाउन को खत्म कर दिया और उसने दुनिया के सभी देशों को मेडिकल उपकरणों को निर्यात किया और मुनाफा कमाया। यहां तक कि अमेरिका को भी चीन से मास्क, पीपीई किट को खरीदना पड़ा। हालांकि चीन के हालात और ज्यादा अच्छे नहीं हैं। क्योंकि अभी भी चीन में सिनेमा और कुछ अन्य व्यवसाय अभी भी बंद हैं और यात्रा पर प्रतिबंध लगा हुआ है। इसके सात ही वहां पर बेरोजगारी में तेजी से इजाफा हुआ है।

चीन के साथ घटने लगा है द्विपक्षीय व्यापार

भारत के साथ ही पुरे दुनिया में चीनी कंपनियों और चीनी उत्पादों का बहिष्कार हो रहा है। वहीं अब भारत और चीन के बीच द्विपक्षीय व्यापार 2019-20 में घटकर 81.87 अरब डॉलर रह गया और माना जा रहा है कि वर्तमान वित्तीय वर्ष में ये और ज्यादा नीचे आ जाएगा। जहां चीन के साथ 2018-19 में द्विपक्षीय व्यापार 87.08 अरब डॉलर था वहीं अब ये घटकर 48.66 अरब डॉलर रह गया। जानकारी के मुताबिक 2013-14 से 2017-18 तक चीन भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार था।