मिशेल ने सीबीआई की विशेष अदालत में अर्जी देकर अपने परिवार, दोस्तों और अपने वकीलों को अंतरराष्ट्रीय कॉल करने की अनुमति मांगी थी। 

इससे पहले दिल्ली हाइकोर्ट ने मिशेल तक भारत स्थित ब्रिटिश उच्चायोग से कांसुलर को एक्सेस दे दी थी।  मिशेल से मुलाकात के बाद उच्चायोग ने कहा था कि हमारा स्टाफ एक ब्रिटिश नागरिक का समर्थन कर रहा है जिसे भारत ने हिरासत में लिया है और हम उसकी सलामती देखने के लिए आये थे। 

मिशेल को पांच दिसंबर को दुबई से प्रत्यर्पण कर भारत लाया गया था। प्रवर्तन निदेशालय ने कोर्ट में याचिका देकर कहा था कि मिशेल को दूसरे रक्षा सौदे में भी रकम मिली जिसकी जांच की जानी है। जिनके बाद कोर्ट ने ईडी की अर्जी को मंजूर कर लिया था और मिशेल को 26 फरवरी तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया था। उसे 22 दिसंबर को ईडी ने गिरफ्तार किया था और तब से अदालती आदेश पर एजेंसी की हिरासत था। 

मिशेल अगस्ता वेस्टलैण्ड सौदे में शामिल तीन बिचौलियों में से एक है। इसके अलावे ग्यूडो हैशके और कार्लो गेरोसा अन्य दो बिचौलिए है। मिशेल दुबई में अपनी गिरफ्तारी के बाद से जेल में है और उसे यूएई में कानूनी और न्यायिक कार्यवाही के लंबित रहने तक हिरासत में भेज रखा गया था। गौ

रतलब है कि मिशेल को 3600 करोड़ रुपये के वीवीआईपी हेलीकॉप्टर सौदे के मामले में भारत लाया गया है। यह सौदा यूपीए सरकार के समय हुआ था जिसके तहत 12 लग्जरी हेलीकॉप्टर खरीदे जाने थे जिनका इस्तेमाल राष्ट्पति, प्रधानमंत्री और अन्य वीआईपी लोगों के लिए होना था।