कर्नाटक में सरकार का गठन हुए अभी कुछ ही दिन हुए है लेकिन गठबंधन में अभी से दरार आनी शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के लिये कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चलाना बोझ बनता जा रहा है। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरना उनके लिये चुनौती बन गया है। इसी कारण कुमारस्वामी शनिवार को बेंगलुरु में अपने सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में भावुक हो गए और कहा कि वह सीएम की कुर्सी पर बैठ कर खुश नहीं हैं।

कुमारस्वामी ने कहा, 'मैं भगवान नीलकंठ की तरह जहर पी रहा हूं। आप सभी मेरे सीएम बनने से खुश होंगे, लेकिन मैं खुश नहीं हूं।' कुमारस्वामी किसानों की कर्ज माफी के बाद आयोजित सम्मान समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा, 'यह सही है कि चुनाव से पहले मैं इस राज्य का मुख्यमंत्री बनना चाहता था और लोगों से बहुत सारे वादे किए थे लेकिन अब मै खुश नहीं हूं।'

कुमारस्वामी ने कहा, ' मैं चाहूं तो कभी भी अपना पद छोड़ सकता हूं। जहां भी जाता हूं लोग मेरा स्वागत करते हैं और बताते हैं कि वे किसानों की कर्ज माफी से खुश हैं। सरकार ने अपना वादा निभाया और किसानों का कर्ज माफ कर दिया।'

कुमारस्वामी सरकार ने राज्य में कांग्रेस-जेडीएस गठबंधन सरकार का पहला बजट पेश करते हुए 34 हजार करोड़ रुपये का किसानों का कर्ज माफ कर दिया। हालांकि कर्जमाफी के साथ सरकार ने कुछ शर्तें भी रखी हैं जिसके तहत किसानों के 2 लाख रुपये तक के कर्ज माफ किए जाएंगे। माना जा रहा है कि कांग्रेस उनकी तरफ से उठाए गए किसी भी कदम को रोकने के लिए बाधा बनकर खड़ी हो जा रही है जिससे कुमार स्वामी को काम करने परेशानी हो रही है।

बेंगलुरु में अपने सम्मान में आयोजित एक कार्यक्रम में भावुक हो गए कर्नाटक के सीएम कुमारस्वामी ने कहा कि वह कुर्सी पर बैठक खुश नहीं हैं और भगवान नीलकंठ की तरह जहर पी रहा हूं