जयपुर। राजस्थान में कांग्रेस नेताओं की बीच गुटबाजी चरम पर है। लोकसभा चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस का एक वर्ग मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे को राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के पद पर नियुक्त करना चाहता है। जबकि विधानसभा अध्यक्ष और मौजूदा आरसीए के अध्यक्ष सीपी जोशी इसके खिलाफ हैं। फिलहाल वैभव गहलोत को आरसीए में शामिल कर लिया गया है।

यही नहीं अब इस मामले में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रतिपक्ष रामेश्वर डूडी के बीच आरसीए को लेकर ठनी है। लोकसभा चुनाव  में वैभव गहलोत हार चुके थे। लिहाजा उन्हें आरसीए के जरे राजस्थान में स्थापित करने की कोशिश की जा रही है। कांग्रेस ने रणनीति के तहत पहले वैभव गहलोत को राजस्थान क्रिकेट एकेडमी में शामिल किया और अब उन्हें आरसीए का अध्यक्ष नियुक्त करने की कवायद की जा रही है। हालांकि अभी उन्हें आरसीए में ही शामिल किया गया है।

उधर रामेश्वर डूडी का कहना है कि वह वैभव गहलोत के खिलाफ आरसीए के अध्यक्ष का चुनाव लड़ेंगे। डूडी नागौर क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के जरिए आरसीए में पहुंचे हैं। यहां पर अध्यक्ष के पद पर ललित मोदी थे।  जिन्हें हमेशा के लिए हटा दिया गया है। बीसीसीआई ने राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन को 27 सितंबर तक चुनाव कराने का आदेश दिया है। डूडी सरकार पर आरोप लगाया कि पुलिस के ताकत के बल पर राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन का चुनाव सरकार टालना चाहती है।

असल में अशोक गहलोत के समर्थकों ने अपनी रणनीति के तहत पहले तो वैभव गहलोत को राजसमंद जिला क्रिकेट एसोसिएशन में प्रवेश कराया। लेकिन यही विवाद का विषय बन गया। क्योंकि कुछ लोगों ने उनकी नियुक्ति को अवैध बताया था। इसके बाद चुनाव पर्यवेक्षक चुनाव आयोग के पूर्व अध्यक्ष टी कृष्णमूर्ति और सह पर्यवेक्षक के.जे .राव लोगों की आपत्तियों को सुनने के लिए पहुंचे। लेकिन तभी वहां पर वैभव समर्थकों ने हंगामा कर दिया। जिसके बाद माहौल गर्मा गया और चुनाव पर्यवेक्षक वहां से चले गए।