केन्द्र सरकार ने आखिरकार आर्थिक तौर पर कमजोर सवर्णों को दस फीसदी आरक्षण देने का फैसला कर ही दिया. हालांकि जनसंख्या के अनुपात में ये काफी कम है. अगर आप इस आरक्षण का लाभ लेना चाहते हैं जो आज से ही अपने जरूरी कागजातों को तैयार कर लें. क्योंकि इसके बगैर आपको सरकारी नौकरी और शिक्षा में आरक्षण मिलेगा.

आज प्रधानमंत्री की अगुवाई में हुई कैबिनेट की बैठक में इस पर मुहर लगी है. ऐसा माना जा रहा है कि मंगलवार को केन्द्र सरकार इसके संसद में पारित करने के लिए पेश करेगी. हालांकि इसे भाजपा का चुनावी दांव माना जा रहा है. क्योंकि मध्य प्रदेश और राजस्थान में चुनाव में भाजपा की हार के लिए नोटा को बहुत बड़ा मुद्दा माना जा रहा है और भाजपा प्रत्याशियो की जीत और हार का अंतर काफी कम था.

अभी तक देश में एससी, एसटी और ओबीसी के लिए पचास फीसदी आरक्षण सरकार के द्वारा दिया जा रहा है और अब केन्द्र सरकार के इस फैसले के बाद आरक्षण 60 फीसदी हो जाएगा. केन्द्र सरकार ने उच्च वर्ग की नाराजगी को देखते हुए इस फैसले को लागू करने का फैसला किया है. मोदी सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले एक बड़ा दांव खेला है. मोदी सरकार मंगलवार को संविधान संशोधन बिल संसद में पेश कर सकती है.

इस बिल के मुताबिक आर्थिक रूप से कमजोर सवर्ण जाति के लोगों की ही आरक्षण मिलेगा. जिनकी सालाना आय 8 लाख रुपयों से कम है वो अगड़ी जाति के लोग इस आरक्षण के तहत आएंगे. इस आरक्षण का फायदा उठाने के लिए सवर्ण जाति के लोगों को ये कागजात दिखाने होंगे.
आरक्षण का लाभ उठाने के लिए जरूरी कागजात की जरूरत होगी.

-आपके पास आय प्रमाण पत्र होना चाहिए कि आपके परिवार की आय सालाना आय 8 लाख रुपये से कम है.

-आरक्षण का फायदा उठाने के लिए जाति प्रमाण पत्र, बीपीएल कार्ड और पैन कार्ड भी दिखाना होगा.

- आधार कार्ड, बैंक पास बुक और इनकम टैक्स रिटर्न भी दिखाना जरूरी होगा.

- इसी तरह 1000 स्‍क्‍वायर फीट से छोटे मकान वालों को आरक्षण का मिलेगा.

-आरक्षण के लिए 5 हेक्‍टेयर से कम ज़मीन होनी चाहिए. इसके लिए आप स्थानीय तहसील से अपने कागजात तैयार करा सकते हैं

- अधिसूचित नगरपालिका क्षेत्र के भीतर यदि 100 गज से कम का प्लाट वालों को ही आरक्षण मिलेगा. अगर आपके पास इसके कागजात नहीं हैं तो उसे आप पालिका में जाकर तैयार करा सकते हैं.

-इसके साथ ही गैर-अधिसूचित क्षेत्र में 200 गज के आवासीय प्‍लॉट वालों का इसका लाभ मिलेगा.