पत्रकारों को संबोधित करते हुए मयावती ने कांग्रेस को दो-टूक शब्दों में बता दिया कि, 'मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में कांग्रेस के साथ समझौता तभी संभव है जब बसपा को सम्मानजनक सीटें मिलेंगी, अगर इस समझौते में सम्मानजनक सींटे नहीं मिलती हैं तो उनकी पार्टी अकेले लड़ने को तैयार है।'

मायावती ने बयान भले ही 'मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ को लेकर दिया है लेकिन इसके कई मायने निकाले जा रहें है। दरअसल पिछले दिनों लोक सभा में अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी की छीछालेदर के बावजूद कांग्रेस वर्किंग कमेटी ने राहुल गांधी को प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित कर दिया। उधर मायावती की राष्ट्रीय नेता बनने के लिए बेचैन हैं। और वह राहुल गांधी की दावेदारी को समर्थन देने के मुड में नहीं हैं। 

बसपा के नेताओं की तरफ से बारबार मायावती की पीएम पद की दावेदारी को प्रमोट करने की कोशिश हो रहीं है। पिछले दिनों लखनऊ के इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में हुए बसपा जोनल स्तरीय बैठक में राष्ट्रीय संयोजक समेत तमाम दिग्गज नेता मौजूद रहे। इस मौके पर मायावती को गठबंधन के प्रधानमंत्री चेहरे के तौर पर पेश किए जाने की हुंकार भी भरी गई थी। बसपा नेताओं की तरफ से बार बार यह कहा जा रहा है कि सभी क्षेत्रीय दलों ने मायावती को अपना नेता माना है।

ऐसे में कांग्रेस वर्किंग कमेटी का फैसला मयावती को रास नही आया और उन्होंने सीटों का बहाना बनाकर कांग्रेस नेतृत्व को चेतावनी दे डाली।