नई दिल्ली। लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को उत्तर प्रदेश में मिली करारी हार के बाद पार्टी सदमे में है। खासतौर से गांधी परिवार की माने जाने वाली परंपरागत अमेठी सीट में राहुल गांधी की हार को पार्टी पचा नहीं पा रही है। हालांकि अभी तक हार के बाद कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी नहीं आये हैं, लेकिन वहां पर उनकी गुप्त टीम पहुंच चुकी है। ये टीम राहुल गांधी की हार के कारणों का पता कर रही है।

अमेठी में राहुल गांधी को बीजेपी की केन्द्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने पचपन हजार से ज्यादा वोटों से हराया है। निर्वतमान लोकसभा चुनाव में कांग्रेस राज्य में महज एक सीट ही जीत पायी है और इस बार उसका वोट प्रतिशत भी कम हुआ है। जबकि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने दो सीटों पर जीत हासिल की थी और उसे 7.5 फीसदी वोट मिले थे।

अब राहुल गांधी के अमेठी से लोकसभा चुनाव हार के बाद पार्टी हार के कारणों की पड़ताल कर रही है। लिहाजा राहुल गांधी की एक गुप्त टीम अमेठी पहुंची हुई है। इस टीम की कमान गांधी परिवार के करीबी माने जाने वाले केएल शर्मा संभाल रहे हैं। राहुल गांधी की हार की समीक्षा टीम गोपनीय तरीके से कर रही है।

ये समीक्षा अमेठी के सभी गांव स्तर पर की जा रही है और इसके लिए गोपनीय बैठकें हो रही हैं। जिसमें नामित लोगों के अलावा किसी अन्य नेता को शामिल होने की अनुमति नहीं है। इस टीम को शर्मा के अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा का राजनीतिक कार्य देख रहे जुबैर खान भी देख रहे हैं।

इन दोनों प्रतिनिधियों को दो दिन पहले ही अमेठी में भेजा गया है। जो जल्द ही कांग्रेस आलाकमान को अपनी रिपोर्ट देंगे। अमेठी को गांधी परिवार का सबसे पुराना गढ़ माना जाता है और राहुल गांधी के चुनाव हारने के बाद स्थानीय कांग्रेस इकाई में उथल-पुथल शुरू हो गयी थी।

राहुल की हार के लिए पार्टी के नेता एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। दिलचस्प ये है कि लोकसभा चुनाव में राहुल गांधी अमेठी छोड़कर बाकी सभी चारों विधानसभाओं में स्मृति इरानी से पीछे रहे।