जयपुर। कांग्रेस ने बागी पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और 18 अन्य विधायकों को विधानसभा की सदस्यता से अयोग्य ठहराने की याचिका विधानसभा अध्यक्ष को कर दी है। इसके जरिए कांग्रेस सचिन पायलट और विधायकों पर दबाव बनाने की कोशिश की है। वहीं दूसरी तरफ कांग्रेस पायलट और दूसरे बागी विधायकों को वापस पार्टी में वापस लाना चाहती है और कांग्रेस ने कहा कि पार्टी के दरवाजे बागी विधायकों के लिए बंद नहीं हुए हैं।

राज्य के विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने इस बात की पुष्टि की है कि राज्य में कांग्रेस की शिकायत पर 19 बागी विधायकों को नोटिस भेजा गया। इन विधायकों को अपना पक्ष रखने के लिए शुक्रवार तक का समय दिया है। वहीं कांग्रेस ने इन विधायकों पर नोटिस भेजकर दबाव बनाने की कोशिश की है ताकि वह पार्टी में वापस लौट जाएं और कांग्रेस सरकार पर हमेशा के लिए खतरा टल जाए।

अगर राज्य में पायलट समेत विधायकों की सदस्यता जाती है तो कांग्रेस को सरकार चलाने के लिए निर्दलीय और छोटे दलों का सहारा लेना पड़ेगा और राज्य में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार कमजोर हो जाएगी। लिहाजा कांग्रेस चाहती है कि बागी विधायक पार्टी में लौट आएं। वहीं बुधवार को सीएम अशोक गहलोत ने दावा किया कि पायलट का नाम लिए बगैर कहा कि वह सीधे तौर पर भाजपा के साथ विधायकों की खरीद-फरोख्त में शामिल थे और इसके प्रमाण उनके पास हैं। 

वहीं कांग्रेस महासचिव एवं राजस्थान के प्रभारी अविनाश पांडे ने कहा कि पायलट के लिए पार्टी के दरवाजे बंद नहीं हुए हैं, भगवान उनको सद्बुद्धि दे और पार्टी में वापस लौटें। इसके जरिए कांग्रेस ने विधायकों के लि रास्ता बनाया है। ताकि पार्टी को राज्य में ज्यादा नुकसान न हो और राज्य के सीएम अशोक गहलोत की बात भी रह जाए। हालांकि गहलोत अपने दांव में सफल हो गए हैं और वह अपने कैबिनेट से सचिन पायलट को बाहर करने के साथ ही अपने करीबी नेता को प्रदेश अध्यक्ष की कमान सौंपने में सफल हुए हैं। लिहाजा अब गहलोत को पायलट से ज्यादा खतरा नहीं है।