नई दिल्ली। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को लेकर बड़ा ऐलान किया है। सोमवार को कांग्रेस कार्यसमिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि पार्टी कांग्रेस शासित सभी राज्यों में जातिगत जनगणना कराएगी। बैठक में जातिगत जनगणना पर ऐतिहासिक फैसला लिया गया। कांग्रेस शासित राज्यों हिमाचल प्रदेश, राजस्थान, कर्नाटक और छत्तीसगढ़ के सीएम ने यह फैसला लिया है कि वह जातिगत जनगणना कराएंगे। इस सिलसिले में प्रस्ताव पारित हुआ है।

राहुल गांधी ने जातीय जनगणना पर कही ये बात

राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को लेकर बैठक लिए गए​ निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि पूरी पार्टी ने यह फैसला लिया है। INDIA गठबंधन की ज्यादातर दल भी कॉस्ट सेंसस पर सहमत हैं। संभव है कि कुछ दलों को दिक्कत हो। पर हम फासीवादी पार्टी नहीं हैं। राहुल ने कहा कि जातीय जनगणना धर्म या जाति के बारे में नहीं बल्कि गरीब तबके के बारे में है, गरीब लोगों के लिए है। एक बार फिर उन्होंने अडानी पर हमला बोलते हुए कहा कि फिलहाल देश में 2 भारत हैं। एक अडानी का और दूसरा गरीबों का।

राहुल ने कहा-जातीय जनगणना के कर्नाटक में नहीं जारी हुए आंकड़े

राहुल गांधी ने जातीय जनगणना पर यह भी कहा कि 2014 और 2015 में हमने कॉस्ट सेंसस कराई पर तब तक हमारी सरकार का कार्यकाल समाप्त हो गया। 2018 में गठबंधन सरकार के आने के बाद समिति के चेयरमैन से आंकड़े जारी करने के लिए कहा। हमारे 4 में से 3 सीएम ओबीसी समुदाय से थे। उधर, बीजेपी के 10 में से सिर्फ एक सीएम अन्य पिछड़ा वर्ग से है। राहुल गांधी ने जातीय जनगणना को लेकर पीएम मोदी पर हमला बोलते हुए कहा कि वह ओबीसी के लिए काम नहीं करते हैं। ओबीसी वर्ग को भ्रमित करते हैं। 

बिहार सरकार ने जारी किए थे जातिगत जनगणना के ये आंकड़े

हाल ही में बिहार सरकार ने जातीय जनगणना के आंकड़े जारी किए थे। उसके मुताबिक बिहार में ओबीसी वर्ग 36 फीसदी है, जबकि 27 फीसदी पिछड़ा वर्ग निवास करता है। अनुसूचित जाति की संख्या 19 फीसदी से थोड़ी सी ज्यादा है। आंकड़ों में 1.68 फीसदी जनसंख्या अनुसूचित जनजाति की दर्शाई गई है। बिहार में कुल आबादी के आंकड़े 13 करोड़ से ज्यादा निकलकर सामने आए हैं।

ये भी पढें-कौन हैं नंदिनी पीरामल? संभालती हैं हजारो करोड़ का बिजनेस, मुकेश अंबानी की बेटी ईशा अंबानी से क्या है...