समाजवादी पार्टी के रामपुर से सांसद आजम खान की मुश्किलें लगातार बढ़ती ही जा रही हैं। अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहने वाले आजम खान की मुश्किलें अब जौहर विश्वविद्यालय के कारण बढ़ सकती है। असल में जौहर विश्वविद्यालय के अधिग्रहण को लेकर कांग्रेस के मुस्लिम नेता ने राज्यपाल से मुलाकात की। इन नेताओं ने कहा कि जौहर विश्वविद्यालय सरकारी जमीन पर बना है। लिहाजा इसका राज्य सरकार को अधिग्रहण करना चाहिए।

कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के प्रदेश उपाध्यक्ष फैसल खान लाला ने राज्यपाल राम नाईक से मुलाकात कर जौहर विश्वविद्यालय का अधिग्रहण कर उसका नियंत्रण राज्य सरकार में देने की मांग की। फैसल खान के तर्क हैं कि विश्वविद्यालय सरकारी जमीन पर बना है और इसमें 80 फीसदी पैसा सरकार का लगा है। जबकि 20 फीसदी चंदे के जरिए लगाया गया है।

फैसल खान ने आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय में छात्रों से ज्यादा फीस ली जा रही है। जबकि अल्पसंख्यकों से इसमें कम फीस लेनी चाहिए। उन्होंने ये भी सवाल उठाया कि किस हैसियत से आजम खान इसके कुलाधिपति बने हुए हैं। उनका कहना है कि इसमें पूरा आजम खान के परिवार का नियंत्रण है।

हालांकि जौहर विश्वविद्यालय के कुलाधिपति और सांसद के पद पर रहने के मामले को बीजेपी नेता जयाप्रदा भी उठा चुकी हैं। जयाप्रदा का कहना है कि ये लाभ का पद है। लिहाजा कोई भी व्यक्ति लाभ के दो पदों पर नहीं रह सकता है। हालांकि इससे पहले रामपुर के स्थानीय नेता भी जौहर विश्वविद्यालय के अधिग्रहण करने की मांग कर चुके हैं।

असल में पूर्व की समाजवादी सरकार में आजम खान ने रामपुर में जौहर विश्वविद्यालय अल्पसंख्यकों के बच्चों के लिए शुरू किया था। विश्वविद्यालय में पूरा नियंत्रण आजम खान और उनके बेटे के हाथों में है। कुछ दिन पहले ही जौहर विश्वविद्यालय द्वारा सरकारी जमीन पर कब्जा करने का मामला भी आजम खान और विश्वविद्यालय के रजिस्ट्रार के खिलाफ रामपुर प्रशासन ने दर्ज किया है।

राज्यपाल से मिले कांग्रेस के नेताओं ने कहा कि अगर राज्य सरकार जौहर विश्वविद्यालय का अधिग्रहण कर ले तो पूरे  अल्पसंख्यक समुदाय को इसका सीधा फायदा पहुंचेगा। क्योंकि अभी तक आजम खान की मनमर्जी से इसमें दाखिला मिलता है।