कांग्रेस पार्टी के घोषणापत्र में किए गए कुछ वादों पर भाजपा ने गंभीर सवाल उठाए हैं।  पार्टी के वरिष्ठ नेता और केंद्रीय मंत्री अरुण जेटली ने कहा कि कांग्रेस खतरनाक वादे कर रही है। उसके घोषणापत्र का एजेंडा देश को तोड़ने वाला है। इसे देखकर लगता है कि कांग्रेस नेतृत्व माओवादी और जिहादियों के चंगुल में है। जेटली ने कहा, वैसे तो इसके लिए एक ड्राफ्टिंग कमिटी थी लेकिन लगता है कि जम्मू-कश्मीर से जुड़े कुछ महत्वपूर्ण बिंदु की ड्राफ्टिंग कांग्रेस अध्यक्ष के 'टुकड़े-टुकड़े गैंग' के दोस्तों ने तैयार की है। 

जेटली ने कहा, कांग्रेस के घोषणापत्र के मुताबिक, अगर उनकी सरकार आई तो आईपीसी से सेक्शन 124-ए हटा दिया जाएगा। यानी अब देशद्रोह करना अपराध नहीं होगा। इस प्रावधान को जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह ने भी छूने का प्रयास नहीं किया। अब कांग्रेस कह रही है कि देशद्रोह का प्रावधान हटा दिया जाएगा। उन्होंने कहा, जो पार्टी ऐसी घोषणा करती है, वह एक भी वोट की हकदार नहीं हैं। 

कांग्रेस की नीतियों पर सवाल उठाते हुए जेटली ने कहा कि नेहरू-गांधी परिवार ने जम्मू-कश्मीर को लेकर जो ऐतिहासिक भूल की, उसके लिए उसे कभी माफ नहीं किया जा सकता। अब कांग्रेस नेतृत्व उसी एजेंडे को आगे बढ़ा रहा है। घोषणा पत्र में कहा गया है कि कांग्रेस जम्मू-कश्मीर के इतिहास और उन अद्वितीय परिस्थितियों का भी सम्मान करते हैं, जिनके तहत राज्य ने भारत में विलय को स्वीकार किया, जिसके वजह से भारत के संविधान में अनुच्छेद 370 को शामिल किया गया। इस संवैधानिक स्थिति को बदलने की न तो अनुमति दी जाएगी, न ही ऐसा प्रयास किया जाएगा।

सशस्त्र बल विशेष अधिकार कानून (अफ्स्पा) को खत्म करने को लेकर कांग्रेस के वादे पर जेटली ने कहा, घोषणापत्र में कहा गया है कि नियमों और प्रावधानों की समीक्षा की जाएगी। 72 वर्षों में भारत को दुनिया में सबसे अधिक आतंकवाद झेलना पड़ा है। जो देश को तोड़ना चाहते थे, वे देश में पहले से ही सक्रिय थे। उन्होंने कहा, 'हमने जम्मू-कश्मीर, दक्षिण, मध्य, पूर्वोत्तर और पंजाब में अलगाववादी और हिंसक आंदोलन देखे हैं। अब इस समस्या को कई क्षेत्रों में काफी हद तक काबू कर चुके हैं। हमने जम्मू-कश्मीर का बड़ा हिस्सा खोया।' 

भाजपा नेता ने कहा कि उनके एक अर्थशास्त्री ने कहा है कि टैक्स लगाएंगे, अब अगर ऐसा है हमने तो टैक्स घटाएं हैं और कांग्रेस टैक्स लगाना चाहती है। राहुल गांधी की बहुचर्चित 'न्याय' योजना पर जेटली ने कहा, कांग्रेस ने साफ नहीं किया है कि पैसा कहां से लाएंगे। कहा जा रहा है कि अर्थव्यवस्था बढ़ेगी तो पैसा भी आएगा। जेटली ने कहा कि यही सोचकर 80 के दशक में इंदिरा गांधी और राजीव गांधी ने गैरजिम्मेदारी भरा काम किया। कमाई बढ़ाई नहीं और खर्चा बढ़ा दिया। बाद में देश को बचाने के लिए मनमोहन सिंह को ढूंढकर लाना पढ़ा। 

जीएसटी में एक टैक्स स्लैब की बात पर जेटली ने कहा, भारत में काफी संख्या में लोग गरीबी रेखा के नीचे रहते हैं, यहां एक टैक्स स्लैब कैसे चल सकता है? वित्त मंत्री ने कहा कि क्या गरीब इंसान के कपड़े, चप्पल और एयर कंडीशनर पर एक ही टैक्स लगेगा? जो वादे नासमझी में किए जाते हैं उन वादों का कोई अर्थ नहीं होता। 

इसके बाद कांग्रेस के तीन वरिष्ठ नेताओं जयराम रमेश, पी चिदंबरम और रणदीप सुरजेवाला ने देशद्रोह कानून को लेकर कांग्रेस के वादे पर उठ रहे सवालों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि यह अंग्रेजों के जमाने का कानून है। देश में डिफेंस ऑफ इंडिया कानून बनाया गया, जो लोग न पूरे वकील हैं न पूरे वित्त मंत्री हैं, उन्हें इस बारे में पता नहीं है। अंग्रेजों के जमाने के कानून को रखने की कोई जरूरत नहीं है। यह आजकल केवल पत्रकारों और राजनेताओं पर लगाया जाता है।