इस भोज में बेंकैया नायडू ने सभी पार्टियों बुलाया है। लेकिन माना जा रहा है कि उपसभापति चुनाव में मिली करारी हार के बाद कांग्रेस ने इस भोज में शामिल नही होने का फैसला किया है। उपसभापति के चुनाव में मिली हार के बाद कांग्रेस के महागठबंधन बना कर 2019 में चुनाव लड़ने के सपनो को झटका लगा है। 

राज्यसभा में विपक्षी के पास बहुमत में होने के बाद भी कांग्रेस प्रत्याशी बीके हरिप्रसाद को हार का समाना करना पड़ा और एनडीए प्रत्याशी हरिवंश राज्यसभा के उपसभापति चुने गए। 

इस चुनाव में बीजू जनता दल ने एनडीए के उम्मीदवार को समर्थन करने का निर्णय लिया। इसके अलाव कई दलों ने अप्रत्यक्ष रूप से एनडीए उम्मीदवार हरिवंश को समर्थन किया। इस चुनाव में कांग्रेस अपने किसी सहयोगी दल के व्यक्ति को मैदान में उतारना चाहती थी लेकिन लेकिन सबने झटका देते हुए अपना प्रत्याशी उतारने से मना कर दिया था। इसके बाद हार मान कर कांग्रेस को अपना प्रत्याशी मैदान में उतारना पड़ा। 

उधर बीजेपी की अगुवाई वाले एनडीए के सभी सदस्य सदन में मौजूद थे तो दूसरी तरफ पीडीपी, आप के सदस्य सदन में अनुपस्थित रहे। साथ ही वाईएसआर कांग्रेस के 2 सदस्यों ने मतदान में हिस्सा नहीं लिया। साथ ही सपा का भी सदस्य अनुपस्थित था। और तो और कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के दो-दो सदस्य अनुपस्थित थे। डीएमके के दो सदस्य भी सदन में मौजूद नहीं थे.जिसके कारण कांग्रेस प्रत्याशी को हार का समना करना पड़ा। कांग्रेस के उम्मीदवार बीके हरिप्रसाद को मिले 105 मतों के मुकाबले 125 मत मिले थे।

2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले उपसभापति के चुनाव में विपक्षी को मिली हार के बाद विपक्ष का मोदी सरकार के खिलाफ एकजुट होने का दावे की हवा निकल गई।