लखनऊ। कांग्रेस महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा के करीबी माने जाने वाले अजय कुमार लल्लू को पार्टी ने प्रदेश की कमान सौंपी है। लल्लू को प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने की अटकलें काफी अरसे से चल रही थी क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष का पद खाली चल रहा था। लेकिन लल्लू की ताजपोशी इतनी आसान नहीं थी। क्योंकि प्रदेश अध्यक्ष के लिए कई दिग्गजों के नाम पहले से चल रहे थे। लेकिन जिस फार्मूले पर भाजपा ने काम किया उसी फार्मूले के तहत कांग्रेस ने भी लल्लू को प्रदेश की कमान सौंपी।

असल में अजय कुमार लल्लू को कांग्रेस में एक जुझारू नेता के तौर पर जाना जाता था। उनके राजनैतिक जीवन में एक वक्त ऐसा भी आया कि उन्हें अपना घर चलाने के लिए दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी भी करनी पड़ी। यही नहीं कांग्रेस ने लल्लू पर दांव इसलिए भी खेला क्योंकि वह पिछड़ी जाति से आते हैं। जिस पर सभी राजनैतिक दल दांव खेल रहे हैं।

भाजपा ने हाल ही में प्रदेश की कमान स्वतंत्र देव सिंह को दी है। वह भी पिछड़ी जाति से आते हैं। लल्लू को यूपी की प्रभारी और पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी का करीबी माना जाता है। वह अकसर प्रियंका के दौरे में उनके साथ रहते हैं। लिहाजा प्रियंका ने लल्लू पर दांव खेला है। प्रियंका अच्छी तरह से जानती है कि आज के हालत में कांग्रेस को यूपी में मजबूत करना आसान नहीं है।

इसके बावजूद कांग्रेस ने यूपी में अपनी डामाडौल होती नैया का खेवैया अजय कुमार को बनाया है। हालांकि लल्लू के साथ ही इस पद के लिए जतिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी, पीएल पुनिया जैसे दिग्गजों के नाम चल रहे थे। लेकिन यूपी की कुर्सी पर बाजी अजय कुमार लल्लू ने मारी।

लल्लू कुशीनगर की तुमकुहीराज विधानसभा क्षेत्र से दूसरी बार कांग्रेस के विधायक चुने गए हैं। दोनों ही बार लल्लू ने सत्ता के खिलाफ हवा बनाकर जीत हासिल की है। अजय कुमार लल्लू यूपी में पिछड़ी कही जाने वाली कानू जाति से ताल्लुक रखते हैं। फिलहाल अभी तक वह पूर्वी यूपी के कार्यकारी अध्यक्ष भी हैं।