नई दिल्ली। महाराष्ट्र शिवसेना गठबंधन सरकार पर कांग्रेस का दबाव साफ दिखने लगा है। नागरिकता संशोधन बिल पर राहुल गांधी के बयान पर शिवसेना प्रमुख और राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने यू-टर्न लिया है। अभी तक हिंदुत्व के एजेंडे पर चलने वाली शिवसेना ने नागरिकता बिल पर सवाल उठाए हैं और कहा उसकी शंकाओं का समाधान होने के बाद ही वह इस मुद्दे पर राज्यसभा में सरकार को समर्थन देगी।

असल में शिवसेना दो नावों पर सवार होकर चलना चाहती थी। वह महाराष्ट्र में कांग्रेस के साथ गठबंधन सरकार चला रही है। वहीं नागरिकता के मुद्दे पर वह कांग्रेस संसद में कांग्रेस के खिलाफ दिखाई दे रही है। जो उसके लिए मुसीबत बन गई है। हालांकि पहले ही शिवसेना ने महाराष्ट्र में सरकार बनाने की मजबूरियों के चलते अपने कट्टर हिंदुत्व के एजेंडे को किनारे रख दिया है। क्योंकि कांग्रेस ने इसके लिए पहले ही शर्त रखी थी कि शिवसेना को गठबंधन की सरकार के लिए इस एजेंडे को दूर रखना होगा और कांग्रेस की सेकुलर विचारधारा को अपनाना होगा।

जिस पर सहमति बन जाने के बाद राज्य में सरकार बनी। हालांकि शिवसेना से पहले ही नागरिकता संशोधन बिल पर मुखर रही है। लोकसभा में उसने केन्द्र सरकार का साथ दिया। लेकिन अब उस पर कांग्रेस और राहुल गांधी का दबाव साफ दिख रहा है। राहुल गांधी ने लोकसभा में इस बिल के समर्थन करने वाले दलों को जमकर लताड़ लगाई थी। राहुल ने परोक्ष तौर पर शिवसेना पर ही निशाना साधा था। लेकिन अब राजनैतिक मजबूरियों के चलते शिवसेना ने इस मामले में यू टर्न लिया है।

वहीं इस मुद्दे पर भाजपा ने नाराजगी जताते हुए शिवसेना को 'हिंदुत्व एजेंडा' याद दिलाया है। हालांकि शिवसेना अब दबाव साफ देखा जा रहा है। क्योंकि जिस तरह से शिवसेना ने पिछले सत्रों भाजपा के बिलों का समर्थन किया था। फिलहाल वह अब इस बिल पर दोराहे पर खड़ी दिखाई दे रही है। अगर शिवसेना इस बिल का समर्थन नहीं करती है तो राजनैतिक तौर पर उसे नुकसान होगा। क्योंकि  भाजपा इस मुद्दे को महाराष्ट्र में बड़ा मुद्दा बनाएगी।