पहले सुप्रीम कोर्ट और फिर लोकसभा में राफेल सौदे पर सियासी पटखनी खाने के बावजूद कांग्रेस इस मुद्दे को लोकसभा चुनाव तक गरमाए रखना चाहती है। सुप्रीम कोर्ट के इस डील को क्लीनचिट देने के बाद भी कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी राफेल सौदे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर लगातार हमले कर रहे हैं। अब कांग्रेस राफेल मुद्दा राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद तक ले गई है। 

एक सनसनीखेज दावा करते हुए कांग्रेस ने कहा है कि राफेल डील की वजह से पूर्व रक्षा मंत्री और गोवा के मौजूदा मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की जान  को खतरा है। पर्रिकर के पास राफेल सौदे से जुड़ी फाइलें हैं, इसलिए उनकी जान लेने की कोशिश की जा सकती है। गोवा प्रदेश कांग्रेस ने राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद से पर्रिकर की सुरक्षा बढ़ाने की अपील की है। 

इसी सप्ताह संसद के शीतकालीन सत्र में भी भाजपा और कांग्रेस में जमकर बहस हुई है। दोनों ओर से एक दूसरे के खिलाफ जमकर आरोप लगाए गए । सरकार की ओर से पहले वित्त मंत्री अरुण जेटली तथा बाद में रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण ने जोरदार ढंग से विपक्ष के सभी आरोपों को सिलसिलेवार जवाब दिया।

अब एक नया अभियान शुरू करते हुए कांग्रेस की गोवा इकाई के अध्यक्ष गिरीश चोडनकर ने राष्ट्रपति को एक पत्र लिखकर कहा है, 'जो लोग चाहते हैं कि राफेल डील की सच्चाई जनता के बीच न आ पाए और इस डील का भ्रष्टाचार साबित न हो, वह मनोहर पर्रिकर से राफेल की फाइलें छीनना चाहते हैं और इसके लिए उनकी जान को नुकसान भी पहुंचाया जा सकता है।' 

पत्र में चोडनकर ने कहा, 'मैं अनुरोध करता हूं कि मनोहर पर्रिकर को सर्वश्रेष्ठ सुरक्षा मुहैया कराई जाए और उनकी सुरक्षा बढ़ाई जाए, ताकि वह सभी संभावित खतरों से सुरक्षित हो सकें और निडर होकर निष्पक्ष तरीके से देश के सामने फाइलों का खुलासा कर सकें।' 

दरअसल, लोकसभा में राफेल पर बहस से पहले कांग्रेस ने एक ऑडियो क्लिप जारी करके आरोप लगाए थे कि तत्कालीन रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर के पास राफेल सौदे से जुड़ी फाइलें हैं। जिससे वह पीएम मोदी को ब्लैकमेल कर रहे हैं। यह कथित ऑडियो क्लिप गोवा सरकार में मंत्री विश्वजीत राणे की बताई गई थी। क्लिप में वह एक पत्रकार को बता रहे थे कि राफेल से जुड़ी सारी फाइलें पर्रिकर के बेडरूम में मौजूद हैं। 

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने इसी क्लिप के आधार पर आरोप लगाया था कि सरकार जानबूझकर संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से जांच कराने से बचना चाहती है। उधर, गोवा के सीएम मनोहर पर्रिकर ने ट्वीट किया था, राफेल पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले से कांग्रेस के झूठ का खुलासा हो चुका है। इसके बाद कांग्रेस का यह झूठे तथ्य पेश करने का हताशा भरा कदम है। इस तरह की चर्चा कैबिनेट और अन्य बैठकों में कभी नहीं हुई। राणे ने भी ऑडियो टेप को फर्जी बताया था।