कर्नाटक में सरकार पर घिरता  संकट देख कांग्रेस गुजरात को लेकर भी सक्रिय हो गयी है। कांग्रेस ने गुजरात के अपने विधायकों को अशोक गहलोत की सुरक्षा में माउंट आबू पहुंचा दिया है। यहां पर विधायक दो दिन रहेंगे, कांग्रेस को डर है कि कहीं कोई भी विधायक भारतीय जनता पार्टी के खेमे में न आ जाए।

असल में कल गुजरात में दो सीटों के लिए चुनाव होना है। ये दोनों सीटें बीजेपी के अमित शाह और स्मृति ईरानी के लोकसभा चुनाव जीतने के बाद खाली हुई हैं। हालांकि जिस तरह से हालत हैं उसको देखते हुए कांग्रेस किसी भी विधायक को बीजेपी के साथ नहीं देखना चाहती है।

गुजरात में 5 जुलाई को राज्यसभा चुनाव हो रहा है। कांग्रेस को यहां पर क्रास वोटिंग का खतरा है। पिछली बार भी राज्यसभा चुनाव से पहले कांग्रेस के कुछ विधायकों ने पाला बदल लिया था और बीजेपी में शामिल हो गए थे। हालांकि पार्टी के मुख्य रणनीतिकार अहमद पटेल चुनाव जीतने में कामयाब तो रहे लेकिन पार्टी के कुछ विधायकों ने पार्टी को झटका दिया था।

हालांकि राज्यसभा की दोनों सीटों के लिए अलग अलग चुनाव होने क्योंकि इसका समय भी अलग अलग था। लिहाजा विधायकों की संख्याबल को देखते हुए बीजेपी का जीतना तय है। बीजेपी ने राज्य से विदेश मंत्री एस जयशंकर को मैदान में उतारा है।

हालांकि कांग्रेस को चुनाव से पहले यहां पर क्रॉस वोटिंग का डर सता रहा है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने सभी विधायकों को राजस्थान भेज दिया है। यहां पर वह राजस्थान सरकार की सुरक्षा में रहेंगे। हालांकि कांग्रेस के नेताओं का कहना है कि पार्टी द्वारा आयोजित शिविर है। लेकिन परदे के पीछे क्रास वोटिंग को रोकना कांग्रेस की पहली वरियता है।

उधर कांग्रेस विधायक अश्विन कोटवाल ने दावा किया है कि ये पार्टी द्वारा आयोजित शिविर है। हालांकि ये कांग्रेस गुजरात में किसी भी कीमत पर रिस्क नहीं लेना चाहती है। ऐसे में पार्टी ने विधायकों को राजस्थान सरकार की सुरक्षा में भेजने का फैसला किया है।

दो दिन तक विधायक माउंट आबू में ही रहेंगे और 5 जुलाई को मतदान के दिन ही वापस गुजरात लौटेंगे। गौरतलब है कि कर्नाटक में भी कांग्रेस ने विधायकों को रिसार्ट में भेजा है। जहां चार दिन पहले ही कांग्रेस विधायक आंनद सिंह ने पार्टी से इस्तीफा दिया है। कर्नाटक में पिछले कुछ दिनों के दौरान दो विधायक पार्टी छोड़ चुके हैं।