राज्य में यूपीए महागठबंधन के बीच मुश्किल बना सीटों का बंटवारा खत्म हो गया है। राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के बीच आखिरकार सात सात सीटों पर समझौता हो गया है।
राज्य में यूपीए महागठबंधन के बीच मुश्किल बना सीटों का बंटवारा खत्म हो गया है। राज्य में झारखंड मुक्ति मोर्चा और कांग्रेस के बीच आखिरकार सात सात सीटों पर समझौता हो गया है। अब आगामी लोकसभा चुनाव में दोनों पार्टियां मिलकर चुनाव लड़ेंगी। पिछले दिनों ही कांग्रेस ने बिहार में सीटों के बंटवारे पर अंतिर मोहर लगाई है।
लोकसभा चुनाव में नए साथियों को लेकर मोदी व अमित शाह को घेरने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने झारखंड के लिए महागठबंधन के स्वरूप को अंतिम रूप दे दिया। झारखंड मुक्ति मोर्चा के अध्यक्ष हेमंत सोरेन के अलावा अन्य कई नेताओं के साथ अपने आवास पर मुलाकात के दौरान राज्य की राजनीतिक परिस्थितियों पर चर्चा की और चुनाव में गठबंधन के सीटों के बंटवारे को अंतिम रूप दिया। झारखंड की 14 लोकसभा सीटों में सात पर कांग्रेस चुनाव लड़ेगी। झारखंड मुक्ति मोर्चा चार, झारखंड विकास मोर्चा दो और राजद एक सीट पर चुनाव लड़ेगें।
झारखंड मुक्ति मोर्चा और झारखंड विकास मोर्चा के बाबू लाल मरांडी का राज्य में खासा प्रभाव है और कांग्रेस इस कोशिश में है कि मिलकर राज्य में भाजपा को शून्य में सिमटा दें। पिछले लोकसभा चुनाव में राज्य की 14 में से 12 सीटों पर भाजपा ने जीत दर्ज की थी। दो सीटें झारखंड मुक्ति मोर्चा के हिस्से में आई थी। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के नेता हेमंत सोरेन ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात की।
झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री सोरेन के गांधी से मुलाकात के दौरान राज्य के कांग्रेस प्रभारी आरपीएन सिंह और प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष अजय कुमार भी उपस्थित थे। पिछले दिनों झारखंड में कांग्रेस, झामुमो और कुछ अन्य विपक्षी दलों की बैठक हुई थी जिसमें भाजपा के खिलाफ मिलकर चुनाव लड़ने का फैसला हुआ था। लोकसभा चुनाव के साथ ही इस साल झारखंड में विधानसभा चुनाव भी प्रस्तावित हैं
Last Updated Feb 8, 2019, 12:23 PM IST