राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस का बहुमत है और ऐसे में उसे अपने प्रत्याशी को जीताने में कोई दिक्कत नहीं होगी। फिलहाल आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष ही लेंगे। फिलहाल इस मामले में अशोक गहलोत मनमोहन सिंह से मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन इसके जरिए गहलोत ने मनमोहन सिंह की फिर से राज्यसभा में जाने की इच्छा टटोली।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की लोकसभा चुनाव में मिली हार के लिए कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को परोक्ष तौर जिम्मेदार ठहराने के बाद अब राजस्थान के मुख्यमंत्री पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के जरिए अपनी कुर्सी बचाने की रणनीति पर काम कर रहे हैं। मनमोहन सिंह को गांधी परिवार का करीबी माना जाता है। फिलहाल मनमोहन सिंह के राज्यसभा का कार्यकाल खत्म हो गया है और कांग्रेस उन्हें राजस्थान से फिर से राज्यसभा प्रत्याशी बनाना चाहती है।
राजस्थान में राज्यसभा की एक सीट बीजेपी के राज्यसभा सदस्य मदन लाल सैनी के निधन के कारण खाली हो रही है। इस सीट पर सैनी का कार्यकाल 2024 तक था। सैनी के निधन के बाद इस सीट पर कांग्रेस आसानी से अपने प्रत्याशी को उच्च सदन में भेज सकती है। लिहाजा कांग्रेस ने इसकी तैयारी कर ली है। इसी सिलसिले में आज राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने आज पूर्व पीएम मनमोहन सिंह से मुलाकात की।
अब तय हो गया है कि राजस्थान में खाली हुई राज्यसभा की एक सीट से मनमोहन सिंह को पार्टी उम्मीदवार बनाया जाएगा। बीजेपी नेता सैनी पिछले साल अप्रैल में राजस्थान से राज्यसभा सदस्य चुने गए थे। उस वक्त राज्य में बीजेपी की सरकार थी। हालांकि राजस्थान विधानसभा में कांग्रेस का बहुमत है और ऐसे में उसे अपने प्रत्याशी को जीताने में कोई दिक्कत नहीं होगी। फिलहाल आखिरी फैसला पार्टी अध्यक्ष ही लेंगे।
फिलहाल इस मामले में अशोक गहलोत मनमोहन सिंह से मुलाकात कर चुके हैं। लेकिन इसके जरिए गहलोत ने मनमोहन सिंह की फिर से राज्यसभा में जाने की इच्छा टटोली। फिलहाल कांग्रेस लोकसभा और राज्यसभा में नेताओं की कमी से जूझ रही है। जबकि मनमोहन आर्थिक मामलों के जानकार हैं। ऐसे में आर्थिक मामलों में केन्द्र की मोदी सरकार को घेरना आसान होगा।
गौरतलब है कि मनमोहन सिंह ने नोटबन्दी के बाद जीडीपी की विकास दर के धीमा रहने की भविष्यवाणी की थी जो सटीक साबित हुई। बहरहाल मनमोहन सिंह पिछले कई सालों से लगातार असम से राज्ससभा के सदस्य चुने जा रहे हैं और पिछले महीने 14 जून को ही उनका कार्यकाल खत्म हुआ है। हालांकि असम में कांग्रेस के पास बहुमत नहीं है। इसलिए पार्टी उन्हें राजस्थान से उच्च सदन में भेजना चाहती है।
Last Updated Jul 2, 2019, 10:29 PM IST