मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि लोकसभा चुनाव में किसी भी दल को स्पष्ट बहुमत नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा, कांग्रेस ‘बहुत अच्छा’ प्रदर्शन करेगी लेकिन उसे अपने दम पर बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। इसलिए दिल्ली में नई सरकार के लिए चुनाव के बाद गठबंधन जरूरी है।

कांग्रेस के दिग्गज नेता ने कहा कि सत्तारूढ़ भाजपा फिर से सत्ता में नहीं आ पाएगी। उसे न तो पर्याप्त सीटें मिलेंगी और न ही उसके साथ कोई गठबंधन करने जा रहा है। कमलनाथ ने यहां कहा, ‘बेशक हम बहुत अच्छा करने जा रहे हैं लेकिन हम खुद को बहुमत तक पहुंचते हुए नहीं देख रहे हैं और चुनाव के बाद गठबंधन होगा और चुनाव बाद का यह गठबंधन कई तरह का मिश्रण होगा।’  

कमलनाथ से पूछा गया था कि उनकी पार्टी लोकसभा चुनाव में औसतन कितनी सीटों पर जीत दर्ज करेगी और क्या यह पार्टी केंद्र में सत्ता में आने के लिए गठबंधन करेगी?  छिंदवाड़ा और पड़ोसी जिले में चुनाव प्रचार खत्म करने के बाद उन्होंने कहा, ‘अगर गठबंधन है तो गठबंधन फैसले लेगा। अभी दो तरह का माहौल है-एक भाजपा विरोधी और दूसरा भाजपा समर्थक। भाजपा समर्थकों की संख्या बहुत कम है और आप देख रहे हैं कि पूरा राजनीतिक परिदृश्य ही भाजपा विरोधी है।’ 

भाजपा से कोई नहीं करेगा गठबंधन

उन्होंने कहा, ‘इसलिए जो भी संख्या आएगी देखा जाएगा। भाजपा को केंद्र में सरकार बनाने की उम्मीद है लेकिन यह दूर की कौड़ी है। ना तो उसे पर्याप्त सीटें मिलेंगी और ना ही उसके साथ कोई गठबंधन करेगा।’  मुख्यमंत्री से जब पूछा गया कि अगर उनकी पार्टी की सरकार बनती है तो क्या कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी प्रधानमंत्री बनेंगे तो उन्होंने विश्वास के साथ कहा,‘बेशक, अगर हमारे पास संख्या होगी तो राहुल गांधी प्रधानमंत्री होंगे।’ 

'न्याय' क्रांतिकारी योजना 

कांग्रेस पार्टी की न्यूनतम आय गारंटी योजना ‘न्याय’ के बारे में बात करते हुए नौ बार छिंदवाड़ा से सांसद रहे कमलनाथ ने कहा कि गरीब लोगों को 72,000 रुपये प्रति वर्ष देना ‘एक क्रांतिकारी योजना है और इससे पांच करोड़ परिवार गरीबी से बाहर आ जाएंगे।’ 

आयकर के छापे राजनीति से प्रेरित

उन्होंने कहा, ‘हम इसे आसानी से कर लेंगे क्योंकि हमारे पास संसाधन है। सवाल संसाधन के आवंटन का है।’ मुख्यमंत्री ने कहा कि उनके सहयोगियों से जुड़े परिसरों पर आयकर विभाग के छापे राजनीति से प्रेरित थे। दिल्ली और मध्य प्रदेश में सात अप्रैल को 52 स्थानों पर छापे मारे गए थे। कमलनाथ के पूर्व विशेष ड्यूटी अधिकारी प्रवीण कक्कड़, सलाहकार राजेंद्र मंगलानी और उनके रिश्तेदार के कई स्थानों पर छापेमारी हुई थी। इस अभियान में कथित तौर पर कक्कड़ के करीबी अश्विनी शर्मा से जुड़ी संपत्तियों को भी दायरे में लाया गया। 

उन्होंने कहा, ‘छापेमारी के बारे में प्रधानमंत्री ने जो कहा....धन कहां मिला? मैं उस व्यक्ति (अश्विनी शर्मा) को नहीं जानता हूं, वह मुझसे कभी नहीं मिला और उसने खुद मीडिया में बताया कि वह भाजपा से है। अपने बयान में उसने कहा कि वह भाजपा से है इसलिए मुझे क्यों इससे जोड़ा जा रहा है? मुझे नहीं पता।’

कांग्रेस दिग्गज ने केंद्र सरकार पर राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एजेंसियों का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, ‘क्या कक्कड़ के परिसर से कुछ भी मिला...उनके यहां से कुछ नहीं मिला। आयकर विभाग वालों ने कोई दावा भी नहीं किया। अगर उन्हें कुछ मिलता तो उसे वह दर्ज कराते।’

कमलनाथ ने आयकर विभाग के बेहिसाबी 281 करोड़ रुपये के व्यापक संगठित रैकेट का पता लगाने के दावे को भी ‘फर्जी’ कहते हुए खारिज कर दिया। उन्होंने कहा, ‘उनके सभी फर्जी बयान...उन्होंने खुद इसे तैयार किया। खुद इसे मीडिया में दिया। इसलिए अगर वह राजनीति करना चाहते हैं तो इसका कोई अंत नहीं है।’ (पीटीआई)