नई दिल्ली। देश में कोरोना संक्रमण के बीच एक कोरोना पॉजिटिव संक्रमित दो राज्यों के बीच त्रिशंकु बन गया है। असल में ये संक्रमित मरीज असम और नागालैंड के बीच फंस गया है और दोनों राज्यों ने इसे अपने राज्य में रखने से मना कर दिया है।  हालांकि ये नागालैंड का नागरिक है वहीं इसमें कोरोना का संक्रमण असम में पाया गया है।

देश में कोरोना पीड़ितों की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। देश के तीन राज्य कोरोना मुक्त हो चुके हैं। नागालैंड को भी कोरोना मुक्त कर दिया है। यहां पर एक ही मामला दर्ज हुआ है। हालांकि अब ये एक मामला बड़ा विवाद बन गया है। क्योंकि नागालैंड ने इस संक्रमित व्यक्ति को अपने देश में रखने से मना कर दिया है। नागालैंड का कहना है ये संक्रमित असम में मिला था। लिहाजा इसे असम को ही रखना चाहिए लिहाजा वह इस संक्रमित को रखने से मना कर रहा है।

जबकि असम के अपने तर्क हैं। असम उसे अपनों दर्ज केसों में नहीं गिना रहा है। 33 वर्षीय व्यक्ति, जो नागालैंड के दीमापुर शहर का निवासी है को वहां के एक निजी अस्पताल द्वारा गुवाहाटी मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (जीएमसीएच) में रेफर किया गया था। इस व्यक्ति में वायरस के संक्रमण की पुष्टि 12 अप्रैल को की गई थी। अब असम या नागालैंड ने उसे अपने आधिकारिक रिकॉर्ड में दर्ज नहीं किया है।

राज्य के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत बिस्वा सरमा का कहना है कि असम के आंकड़ों में नागालैंड का मामला शामिल नहीं है। जबकि नागालैंड के मुख्यमंत्री नीफिउ रियो ने कहा कि मैं उनकी टिप्पणी पर कुछ नहीं कह सकता हूं उसे गिनना असम की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि वह व्यक्ति नागालैंड से एक मरीज के रूप में रेफर किया गया था उस वक्त उसमें कोरोना टेस्ट नहीं हुआ था। रियो ने कहा कि वह आदमी कोलकाता से दीमापुर तक गया था।

उसके बाद वह बीमार हो गया क्योंकि उसे अलग-अलग बीमारी थी। बाद में उसे गुवाहाटी रेफर कर दिया गया। वह वहाँ कोरोनोवायरस पॉजिटिव पाया गया था। वह गुवाहाटी में सकारात्मक पाया गया था, इसलिए उसे रिकॉर्ड वहीं दर्ज होना चाहिए। वहां उसका इलाज चल रहा है।