लखनऊ। पिछले 66 दिनों से सीएए और एनआरसी के विरोध के लिए राजधानी लखनऊ के घंटाघर में धरना दे रही महिलाओं में भी कोरोना का कहर देखने को मिला है। अब इन महिलाओं ने अपने प्रदर्शन को खत्म करे का फैसला किया है और वह अपने-अपने घर चली गई है। हालांकि माना जा रहा  है कि जनता का कम होते समर्थन को देखते हुए इन महिलाओं ने ये फैसला लिया है। 

सीएए और एनआरसी को लेकर पिछले दिनों 66 दिनों से लखनऊ के पुराने शहर के घंटाघर में मुस्लिम महिलाओं का धरना प्रदर्शन चल रहा था। लेकिन अब कोरोना के खौफ के  चलते ये महिलाएं अपने घरों को भाग गई है। हालांकि पिछले दिनों इन महिलाओं ने दावा किया था कि ये यहीं पर धरना देंगी। भले ही सरकार कोई फैसला ले। हालांकि पिछले दिनों पुलिस ने जिला प्रसाशन ने इन महिलाओं को हटाने का प्रयास किया था। लेकिन ये महिलाएं वहां से नहीं हटी।

लेकिन आज इन महिलाओं ने अपने प्रदर्शन खत्म कर दिया था। कोरोना वायरस के संक्रमण पूरे प्रदर्शन में फैल रहा है और इसके लिए सरकार ने जरूरी कदम उठाए हैं। जिला प्रशासन ने भी इन महिलाओं को चेतावनी दी थी अगर किसी महिला में कोरोना वायरस पाया तो उसके खिलाफ कार्यवाही की जाएगी और उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाएगी। जिसके डर के मारे ये महिलाएं अपने घरों को लौट गई हैं। लखनऊ में भी सीएए और एनआरसी को लेकर मुस्लिम महिलाएं प्रदर्शन कर रही थी। ये धरना 66 दिनों से चल रहा और सोमवार की सुबह महिलाओं का प्रदर्शन खत्म हो गया है। लखनऊ पुलिस ने इन महिलाओं को उनके घरों तक पहुंचाया।

हालांकि प्रदर्शन कर रही मुस्लिम महिलाओं का कहना है कि ये एक बार फिर प्रदर्शन करेंगी।  पुलिस कमिश्नर को लिखे गए पत्र में इन प्रदर्शनकारी महिलाओं का कहना है कि कोरोना वायरस के चलते वह अपना प्रदर्शन खत्म कर रही है। लेकिन जब हालत सही हो जाएंगे तो वह फिर प्रदर्शन करेंगी।  असल में हालांकि पिछले कुछ दिनों ये प्रदर्शन धीमा पड़ गया था और यहां पर कोई भी प्रदर्शनकारी नहीं आ रहा था। जिसके बाद माना जा रहा है कि इस प्रदर्शन की विफलता को देखते हुए प्रदर्शन का संचालन करने वालों ने इसका फैसला किया है।