मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक, निकाह-हलाला के तहत किसी तलाकशुदा महिला को किसी और से शादी करनी होती है, शारीरिक संबंध बनाना होता है और फिर उसे तलाक देना होता है ताकि वह अपने पहले पति से दोबारा शादी कर सके।
निकाह हलाला के रिवाज को खत्म करने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाने से एक महिला की जान पर बन आई है। इस कुप्रथा को खत्म करने के लिए जुलाई की शुरुआत में उत्तर प्रदेश के सिकंदरा की एक मुस्लिम महिला ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। अब महिला ने आरोप लगाया है कि उसका पति कोर्ट जाने के चलते उसे मारने की धमकी दे रहा है।
फरजाना नाम की इस महिला ने कोर्ट में दिए अपने आवेदन में दावा किया था कि उसके पति ने उसे अवैध रूप से तलाक दिया था, जिसके कारण उसके और उसकी बेटी के पास न तो जीने का कोई साधन बचा और न ही वित्तीय मदद रही है।
महिला ने दिल्ली में बताया, 'मैंने जब से अर्जी दाखिल की है, मेरे पति मुझ पर अर्जी वापस लेने का दबाव बना रहे हैं। उन्होंने मुझे जान से मारने की भी धमकी दी है। उन्होंने मुझसे कहा है कि सुप्रीम कोर्ट जाने से मुझे कोई फायदा नहीं होने वाला और मुझे हलाला के लिए मजबूर कर दिया जाएगा।'
मुस्लिम पर्सनल लॉ के मुताबिक, निकाह-हलाला के तहत किसी तलाकशुदा महिला को किसी और से शादी करनी होती है, शारीरिक संबंध बनाना होता है और फिर उसे तलाक देना होता है ताकि वह अपने पहले पति से दोबारा शादी कर सके।
Last Updated Aug 1, 2018, 11:37 AM IST